गुरूवार, सितम्बर 18, 2025
  • Advertise with us
  • Contact Us
  • Donate
  • Ourteam
  • About Us
  • E-Paper
  • Video
liveskgnews
Advertisement
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स
No Result
View All Result
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स
No Result
View All Result
liveskgnews
18th सितम्बर 2025
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स

जानें क्या होता है महिलाओं से जुड़ी समस्या पोस्टपार्टम डिप्रेशन, कैसे कर सकते है बचाव

शेयर करें !
posted on : जनवरी 14, 2023 3:53 पूर्वाह्न

 

बिजनौर : पोस्टमार्टम डिप्रेशन बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं को होने वाला खास तरह का डिप्रेशन है। बच्चे होने के बाद अधिकतर मांएं स्‍ट्रेस और डिप्रेस महसूस करती हैं। इसे ही पोस्टमार्टम डिप्रेशन कहा जाता है। बच्चे के जन्म के बाद मां काफी इमोशनल भी हो जाती है, जिसके कारण मां को छोटी-छोटी बातों पर रोना आता है और स्वभाव में चिड़चिड़ापन आने लगता है। ये स्थिति अवसाद यानी डिप्रेशन तक पहुंच जाती है। कई बार होने वाली मांओं को प्रेगनेंसी के समय से ही डिप्रेशन का अनुभव होने लगता है लेकिन उन्हें इस बात का पता भी नहीं चलता। महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मुनमुन लेपचा और डॉक्टर अजरा ने महिलाओं से जुड़ी एक खास समस्या पोस्टपार्टम डिप्रेशन के बारे में बताया है साथ ही इसका उपचार भी बताया है। पोस्टपार्टम डिप्रेशन या प्रसवोत्तर अवसाद गर्भवती महिलाओ में पाए जाने वाला एक मनोरोग है। जो अधिकतर आठ में से एक महिला में पाया जाता है। इस मनोरोग का उपचार संभव है। यह एक भावनात्मक और संवेगात्मक गड़बड़ी के फलस्वरूप होती है, जो महिलाओ में गर्भावस्था के दौरान या माँ बनने के बाद होती है। पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षणों को वक्त रहते पहचानकर उससे जल्दी छुटकारा पाया जा सकता है।

पहले कारण को पहचाने

पोस्टपार्टम डिप्रेशन महिलाओं में जीवन के तनावपूर्ण परिस्थितियों जैसे वित्तीय समस्याएं, किसी अप्रिय घटना का घटित होना, पहला अनुभव दुखदायी होना, एक किशोरी के रूप में गर्भवती होना, पहली बार माँ बनना, परिवार तथा पति का सौहार्दपूर्ण एवम भावनात्मक साथ न मिल पाना आदि समस्याओं पर आधारित होता है। इसका समय के साथ उपचार भी संभव है।

व्यवहार में बदलाव

पोस्टपार्टम डिप्रेशन से ग्रसित महिला का मूड खराब रहता है, छोटी-छोटी बातो पर रोना जाता है, चिड़चिड़ाहट, चिंता, बेचैनी, नींद में कमी, भूख में कमी या अधिकता, किसी कार्य में ध्यान लगाने में मुश्किल होती है, अपने बच्चे के साथ सम्बन्ध बनाने में कठिनता महसूस करती है, एक डर सताता है की वह अच्छी माता नहीं, खुद को दोष देती हैं, निराशा से भरी होती है, लोगो से बात करने का मन नहीं करता है और स्वयं को या बच्चे को नुकसान पहुचने का विचार मन में आने लगता है, तो हो सकता है की पोस्टपार्टम डिप्रेशन की समस्या हो। यह पोस्टपार्टम डिप्रेशन बच्चे के जन्म के २ या ३ सप्ताह से अधिक दिनों तक रहने से हो सकता है।

काउन्सलिंग से करे उपचार

अगर आप बच्चे के जन्म के उपरांत या जन्म के समय होने वाले तनाव से निकलने में परेशानी महसूस कर रहे हैं तो कुछ जरुरी उपाय अपना सकते हैं, जैसे- अच्छा खाना खाये, पौष्टिक और हेल्दी डाइट फॉलो करे, व्यायाम और मैडिटेशन करे। अपनी पसंद की एक्टिविटी में हिस्सा ले। यदि आपको अपनी दैनिक गतिविधिया करने में दिक्कत आ रही है तो बगैर देर किये डॉक्टर से मिलना ही सही है। मनोचिकित्सीय उपचार आपको तनावपूर्ण घटनाओ से बेहतर तरीके से निपटने में मदद कर सकता है। हालांकि पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लिए मनोचिकित्सीय मेडिसिन और सपोर्ट ग्रुप के साथ थेरेपी आपको भविष्य की चुनौतियों से निपटने में भी मदद कर सकती है। काउन्सलिंग में कॉग्निटिव बेहेवियर थेरेपी (CBT) एक प्रमुख थेरेपी है, जिसमे रोगी की नकारात्मक सोच,दृष्टिकोण और भावनाओं में परिवर्तन लाने की कोशिश की जाती है।

https://liveskgnews.com/wp-content/uploads/2025/08/Video-1-Naye-Sapne.mp4
https://liveskgnews.com/wp-content/uploads/2025/09/WhatsApp-Video-2025-09-15-at-11.50.09-PM.mp4

हाल के पोस्ट

  • दवाईयां-मेडिकल सहायता लेकर सहस्त्रधारा पहुँची एसजीआरआर यूनिवर्सिटी एवं श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की टीम
  • श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल केे विशेषज्ञों ने बढ़ाई “स्वस्थ नारीःसशक्त परिवार अभियान” की गति, प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिवस पर महिला स्वास्थ्य को समर्पित विशेष पहल
  • एसजीआरआरयू में विशेषज्ञों ने दिखाई पर्वतीय खेती में खुशहाली की राह, उत्तराखण्ड में औषधीय व सुगंधित पौधों की खेती में अपार संभावनाएँ
  • जागरूकता व प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग से ओजोन परत संरक्षण संभव है – प्रो. रजवार
  • देहरादून में भारी से अति भारी वर्षा का रेड अलर्ट, जिले में 18 सितंबर को सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र रहेंगे बंद
  • श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में हिंदी दिवस का आयोजन
  • आपदा प्रभावित क्षेत्रों में ग्राउंड जीरो पर पहुंचे डीएम सविन बंसल, रेस्क्यू टीम ने 70 लोगों को सुरक्षित निकाला
  • उत्तराखंड की शिल्पी अरोड़ा ने रचा इतिहास, कृभको बोर्ड में निर्वाचित होने वाली बनीं पहली महिला निदेशक
  • ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक फार्मेसी में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई विश्वकर्मा जयंती
  • राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म ‘चलो जीते हैं’ देहरादून में विशेष पुनः-रिलीज़ के लिए तैयार, प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर ‘साइलेंट हीरोज़’ को मिलेगा सम्मान, फिल्म ‘चलो जीते हैं’ की विशेष स्क्रीनिंग के बाद होगा आयोजन
liveskgnews

सेमन्या कण्वघाटी हिन्दी पाक्षिक समाचार पत्र – www.liveskgnews.com

Follow Us

  • Advertise with us
  • Contact Us
  • Donate
  • Ourteam
  • About Us
  • E-Paper
  • Video

© 2017 Maintained By liveskgnews.

No Result
View All Result
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स

© 2017 Maintained By liveskgnews.