उत्तरकाशी : सिलक्यारा-बड़कोट टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए गलातार रेस्क्यू जारी है। अच्छी बात यह है कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं। उनसे बात भी हो रही है। उन्होंने अपनी इच्छा जाहिर की है कि उनको खाना भले ही कम मिले, लेकिन ऑक्सीजन की कमी नहीं होनी चाहिए। एक रिपोर्ट के अनुसार संडे के दिन अपनी 12 घंटे की शिफ्ट खत्म कर मजदूर बाहर निकलने ही वाले थे। तब तक मलबा भी हल्का-हल्का गिरने लगा था। इस दौरान 45 में से 5 मजदूरों ने भागकर अपनी जान बचाई और बाहर निकल आए। जब तक अन्य कर्मचारी बाहर निकलने, तक तक टनल को बाफी बड़ा हिस्सा गिर चुका था और टपन बंद हो चुकी थी। अंदर फंसे मजदूरों से पहली बार वॉकी-टॉकी के जरिए संपर्क हुआ तो उन्होंने खाना मांगा था। यह इच्छा उन्होंने एक कागज पर लिखकर पाइपलाइन के जरिए भेजी थी। इसके साथ ही मजदूरों ने यह भी कहा था कि खाने की भले कमी हो जाए। लेकिन, ऑक्सीजन की कमी मत करना। इसके साथ ही उन्होंने तंबाकू भेजने की मांग भी की। वहीं NHIDCL के ईई कर्नल संदीप सुदेहरा ने बताया कि सुरंग में पर्याप्त पानी है। आपातकालीन स्थितियों को देखते हुए वहां पर्याप्त पानी रखा जाता है। इसलिए पानी की आपूर्ति की कोई चिंता नहीं है।


