देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा भर्ती प्रकरण में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर 228 नियुक्तियों को निरस्त करने का फैसला लिया है। इनमे 2016 की 150 तदर्थ भर्तियां, 2019 की 6 भर्तियां और 2021 की 72 भर्तियां निरस्त करने की संस्तुति शासन को भेजी है।
व्यक्तिगत आवेदन पत्रों के आधार बांट दी नियुक्तियां
इन पदों पर नियुक्तियों के लिए भारी अनियमितता पाई गईं। जिनमे ना विज्ञप्ति निकली और ना ही रोजगार कार्यालय से नाम मंगाए गए। इन पदों को भरने के लिए चयन समिति का भी गठन नहीं किया गया। परीक्षा भी आयोजित भी नही हुई। तदर्थ पदों पर भर्ती के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र नहीं मांगे गए, बल्कि केवल व्यक्तिगत आवेदन पत्रों के आधार पर नियुक्ति दे दी गई। सभी पात्र अभ्यर्थियों को समानता का अवसर नहीं मिला, जिससे संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन हुआ है।
उपनल से हुई 22 नियुक्तियां और 32 पदों की सीधी भर्ती परीक्षा भी निरस्त
इसके अलावा उपनल से हुई 22 भर्तियों को भी विधानसभा अध्यक्ष ने निरस्त कर दिया। साथ ही 32 पदों पर हुई सीधी भर्ती परीक्षा को भी निरस्त कर दिया गया है। हालांकि यह भर्ती परीक्षा जांच समिति की पड़ताल में शामिल नहीं था, लेकिन जब समिति ने कागजात खंगाले तो इसकी भी जानकारी मिली। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि, साल 2021 में विधानसभा सचिवालय में 32 पदों पर सीधी भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की गई। जिसका एग्जाम इस साल 20 मार्च में आयोजित किया गया, हालांकि अभी इस का परिणाम घोषित नहीं हुआ है।
UKSSSC पेपर लीक वाली एजेंसी ने कराया एग्जाम
यह परीक्षा लखनऊ की एजेंसी आरएमएस ने कराई थी, जिस पर UKSSSC पेपर लीक के मामले में कार्रवाई हुई है। इसमें कई वित्तीय अनियमितताएं भी पाई गई। जांच में पाया गया कि इस एजेंसी के बिल लगाने के 2 दिन बाद ही 59 लाख का भुगतान कर दिया गया। जिससे विधानसभा सचिव की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। जिसके चलते भर्ती को निरस्त करने के साथ ही एजेंसी की भी जांच की जाएगी।
विधानसभा सचिव की संदिग्ध भूमिका के चलते किया निलंबित
वही पूरे प्रकरण में विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल की संदिग्ध भूमिका की जांच की जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने जांच पूरी होनी तक सचिव मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
भविष्य के लिए जांच समिति की सिफारिशों और सुझावों पर अमल
इसके अलावा जांच भविष्य में इस तरह की अनियमितताएं दोबारा ना हो, इसके लिए जांच समिति की सिफारिशों और सुझाव पर अमल किया जा रहा है। इनमें ऑफिस की शुरुआत के साथ ही सेवा नियमावली में सुधार किया जाएगा।
बता दें कि, विधानसभा में भर्ती के लिए जमकर भाई भतीजावाद किया गया है। विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति में मंत्रियों के ओएसडी, पीआरओ उनके परिजन और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई। बिना किसी परीक्षा के पिक एंड चूज के आधार पर ये लोग विधानसभा में नौकरी पर लग गए। इनमे अपर निजी सचिव समीक्षा, अधिकारी समीक्षा अधिकारी, लेखा सहायक समीक्षा अधिकारी, शोध एवं संदर्भ, व्यवस्थापक, लेखाकार सहायक लेखाकार, सहायक फोरमैन, सूचीकार, कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर सहायक, वाहन चालक, स्वागती, रक्षक पुरुष और महिला के पद शामिल हैं।


