शुक्रवार, जून 20, 2025
  • Advertise with us
  • Contact Us
  • Donate
  • Ourteam
  • About Us
  • E-Paper
  • Video
liveskgnews
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • बिहार
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स
No Result
View All Result
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • बिहार
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स
No Result
View All Result
liveskgnews
20th जून 2025
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • बिहार
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स

लाइलाज नहीं है लकवा, लक्षण नजर आते ही समय पर शुरू करें इलाज; जानकारी और बचाव से रहेगा शरीर स्वस्थ, हार्ट अटैक से खतरनाक है ब्रेन स्ट्रोक की बीमारी

शेयर करें !
posted on : फ़रवरी 12, 2024 5:04 अपराह्न
ऋषिकेश : हाथ से पकड़ी बाल्टी या कोई भारी वस्तु अचानक नीचे गिर गई हो, बातचीत करते-करते अचानक आवाज लड़खड़ाने लगी हो और इस तरह की कमजोरी बराबर बनी रहती हो तो इन लक्षणों को नजरअंदाज मत कीजिए। यह संकेत लकवे के हो सकते हैं। ऐसे में बिना देर किए किसी जनरल फिजिशियन अथवा न्यूरोलॉजिस्ट चिकित्सक के पास जाकर उचित परामर्श लें और समय रहते इलाज शुरू करें।
ब्रेन स्ट्रोक को हम सामान्य भाषा में लकवा भी कहते हैं। एम्स ऋषिकेश के न्यूरोलॉजी विभाग के ऐसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आशुतोष तिवारी ने बताया कि इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों, उपचार में समय की महत्ता और बचाव की जानकारी नहीं होने से कई बार यह बीमारी जानलेवा साबित हो जाती है। यदि लकवे के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देकर समय रहते इसका इलाज शुरू कर दिया जाए, तो मरीज ठीक भी हो सकता है। जरूरी है तो बस यह कि इसके लक्षणों को पहचानने में भूल नहीं करें और समय रहते इलाज कराने में लापरवाही नहीं बरतें।
उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक की तरह ही यह एक प्रकार का दिमाग का अटैक होता है। अलग यह है कि इसमें हार्ट अटैक की तरह असहनीय दर्द नहीं होने से रोगी इसे गंभीरता से नहीं लेता है और लापरवाही बरतने पर यही कारण लकवे के इलाज में देरी का कारण बन जाता है। दिल से दिमाग तक खून ले जाने वाली नसों में खून का थक्का जम जाने ( इस्केमिक स्ट्रोक ) या दिमाग की नसों में खून का रिसाव होने से लकवा हो जाता है।

लक्षण

अचानक से एक तरफ के हाथ या पैर में कमजोरी, चेहरे का तिरछा हो जाना, आवाज या चाल का लड़खड़ाने लगना, आंख की रोशनी चले जाना इसके तत्कालिक लक्षण हैं।

नुकसान

हमारे ब्रेन का दायां हिस्सा बाईं तरफ तथा ब्रेन का बायां हिस्सा दाईं तरफ के हाथ-पैर एवं चेहरे को कंट्रोल करता है। ब्रेन के इन हिस्सों को खून की आपूर्ति अलग- अलग नलियों ( धमनी) द्वारा होती है। नली में थक्का जमने या खून के रिसाव होने से जिस भाग को नुकसान होता है मरीज में उस अंग की कमजोरी या कार्य क्षमता में कमी आ जाती है।

इलाज में समय का महत्व

स्ट्रोक के इलाज में समय का बहुत महत्व है। लकवा पड़ने के शुरुआती 4 से 5 घंटे, विंडो पीरियड या सुनहरे घंटे कहे जाते हैं। इस दौरान मरीज के अस्पताल पहुंचने पर खून के थक्के जमने से होने वाले स्ट्रोक में थक्का गलाने वाली दवा का प्रयोग किया जाता है। थक्का गलाने की इस प्रक्रिया को थ्रॉम्बोलिसिस कहते हैं। इस प्रक्रिया में उपयोग की जाने वाली दवा का मूल्य लगभग 20 से 30 हजार रूपए है। मगर यह सुविधा सभी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं होती है और मरीज को इधर-उधर ले जाने में ही गोल्डन आवर का महत्वपूर्ण समय समाप्त हो जाता है।

इलाज

गोल्डन ऑवर का समय बीत जाने के बाद अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों के थक्के बनने या खून के रिसाव के कारणों को पता करके उसका निवारण किया जाता है। खून के थक्के या रिसाव के कारण दिमाग में प्रेशर बढ़ता है जिसे शुरुआत में इंजेक्शन एवं दवा से कंट्रोल किया जा सकता है। बड़े थक्के या रिसाव की स्थिति में ब्रेन सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।

कारण

न्यूरोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मृत्युजंय कुमार ने बताया कि कोई भी व्यक्ति लकवे से ग्रसित अनियंत्रित बीपी, शुगर, हार्ट की बीमारी, एथरोस्क्लेसिस ( धमनियों में चिकनाई का जमाव ),आनुवंशिक कारणों आदि के कारण होता है।

सतर्कता व बचाव-

३५ से ४० वर्ष के बाद नियमितरूप से बीपी एवं शुगर की जांच कराना, भोजन में तेल, मसाले व वसा का इस्तेमाल कम करना, हरी सब्जियों और फलों का उपयोग तथा नियमिततौर से व्यायाम करना इसमें लाभकारी है। सांस फूलने, सीना भारी होने या सीने में दर्द महसूस होने पर शीघ्र चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। नींद नहीं आने वाले लोगों को इसकी संभावना ज्यादा रहती है।

लकवा पड़ने पर क्या करें

डॉक्टर से पूछे बिना मुहं से कुछ नहीं दें। मरीज को दाईं या बाईं करवट में रखें और इसी स्थिति में अस्पताल ले जाएं। अस्पताल से आने के बाद बताई गई एक्सरसाइज एवं दवा संबंधित निर्देशों का अच्छे से पालन करें। बेहतर सुधार के लिए फॉलोअप नहीं छोड़ें।
’’मैकेनिकल थ्रोमबेक्टमी के अलावा एम्स ऋषिकेश में लकवे के मरीजों के लिए आवश्यक इलाज, दवा और आधुनिक तकनीक आधारित सर्जरी की बेहतर सुविधा उपलब्ध है। एम्स में मासिकतौर पर 40 से 50 ब्रेन स्ट्रोक के मरीज इलाज हेतु भर्ती किए जाते हैं। इनमें से अधिकांश मरीज अस्पताल तक तब पहुंचते हैं जब इलाज के लिए बहुत देर हो चुकी होती है। विलम्ब से आने के कारण इलाज भी प्रभावित होता है। इसलिए लोगों को चाहिए कि ब्रेन स्ट्रोक (लकवा) के लक्षणों को नजर अन्दाज नहीं करें और समय रहते इलाज शुरू करें। ’’
-प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह, कार्यकारी निदेशक एम्स, ऋषिकेश।
https://liveskgnews.com/wp-content/uploads/2025/05/Adventure-Ad-05-02-25.mp4
https://liveskgnews.com/wp-content/uploads/2025/03/VID-20250313-WA0019.mp4

हाल के पोस्ट

  • उत्तराखंड : पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर की पति की निर्मम हत्या, पूछताछ में हुआ खौफनाक साजिश का खुलासा
  • डीएम आशीष भटगांई ने जिला अस्पताल बागेश्वर का किया औचक निरीक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के दिए सख्त निर्देश
  • उत्तरकाशी के मोरी में दर्दनाक हादसा, दीवार ढहने से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत
  • ग्रामीण विकास की नींव हैं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां – कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य
  • चम्पावत : पाटी पुलिस, एसओजी, वन विभाग और राजस्व विभाग की संयुक्त कार्रवाई, ग्राम जोगाबसान में 280 नाली अवैध भांग की खेती की नष्ट
  • उत्तराखंड शासन ने IAS व PCS अधिकारियों के किये तबादले, 04 जिलों के बदले DM, देखिए पूरी सूची ……
  • चुनाव आयोग ने उपचुनावों में हासिल की कई नई उपलब्धियां, मोबाइल डिपॉजिट सुविधा व उन्नत वीटीआर शेयरिंग प्रक्रिया का किया गया उपयोग, मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित की गई शत प्रतिशत वेबकास्टिंग
  • बाढ़ से निपटने के लिए 30 जून को होगी मॉक ड्रिल, मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में यूएसडीएमए ने शुरू की तैयारी
  • बदरीनाथ धाम में शुरू हुई फास्ट टैग सुविधा
  • उत्तराखंड : अवैध खनन पर बड़ी कार्रवाई, बद्री-केदार स्टोन क्रेशर पर 21 लाख 16 हजार 8 सौ का जुर्माना, ई-रवन्ना पोर्टल भी निलंबित
liveskgnews

सेमन्या कण्वघाटी हिन्दी पाक्षिक समाचार पत्र – www.liveskgnews.com

Follow Us

  • Advertise with us
  • Contact Us
  • Donate
  • Ourteam
  • About Us
  • E-Paper
  • Video

© 2017 Maintained By liveskgnews.

No Result
View All Result
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • बिहार
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स

© 2017 Maintained By liveskgnews.