कोटद्वार । लॉकडाउन के दरम्यान पुलिस पर भी अपने फर्ज निभाने का भार बढ़ गया है। यहां महिला पुलिसकर्मियों की दिनचर्या और ड्यूटी के प्रति उनकी सजगता से ये बखूबी समझा जा सकता है। इस समय वैश्विक महामारी कोरोना से पूरा देश कराह रहा है। दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ती कोरोना मरीजों की संख्या से लोग दहशत में हैं। पूरे देश में लॉक डाउन है और व्यावसायिक प्रतिष्ठान, स्कूल-कालेज, यातायात सब बंद है। इन सब के बीच उत्तराखंड पुलिस लोगों की मदद में 24 घंटे तत्परता से खड़ी है। पुलिस लोगों की जरूरी आवश्यकता के सामान उनके घर पहुंचा रही है तो कहीं बीमार लोगों को दवा दे रही है। लेकिन पुलिस का जो मानवीय चेहरा लोगों के सामने आया है वह एक मिसाल है।
कोरोना से जंग में अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं में शामिल पुलिसकर्मी इस समय हर वह जतन कर रहे हैं, जिससे हम-आप कोरोना संक्रमण से बचे रहें। इस तपती धूप में ड्यूटी कर रही कोटद्वार पुलिस की ऐसी ही एक महिला पुलिसकर्मी अंजू रावत जोकि कोटद्वार में अपनी बेटी के साथ रहती है । पौडी जनपद में स्थित कोटद्वार थाने में तैनात ये पुलिसकर्मी अपनी बच्ची को रोज घर पर अकेला छोड़कर सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक ड्युटी कर रही है । इसलिए इन दिनों लोग अंजू की जमकर तारीफ़ कर रहे हैं। अंजू की तारीफ़ इसीलिए हो रही है क्योंकि वह अपनी ड्यूटी के साथ ही मां का फर्ज भी निभा रही हैं। अंजू अपनी चार साल की बेटी को घर में अकेला छोडकर अपना फर्ज निभा रही हैं।
अंजू रावत के पति कोटद्वार से बाहर रहते है । यही कारण है कि उनकी चार साल की बेटी बैष्णवी की देखभाल करने वाला फ़िलहाल कोई नहीं है। यही कारण है कि अंजू अपनी बेटी को घर में अकेला छोड ड्यूटी निभा रही है। हांलाकि अंजू रावत अपनी ड्यूटी पूरी मुस्तैदी से निभा रही है।
स्टाफ के लोग भी करते हैं सपोर्ट
अंजू रावत अपनी बेटी को घर में छोडकर ड्यूटी निभा रही है। इसलिए उनके जज्बे की कद्र करते हुए उनका पूरा स्टाफ उनका सपोर्ट करता है। उसके साथ ड्यूटी कर रहे अन्य पुलिसकर्मी भी उसकी बेटी का पूरा ध्यान रखते हैं। पूरा स्टाफ ड्यूटी के दौरान काफी मदद करते हैं। ऐसे में अंजू रावत अपनी जिम्मेदारी और मां का फर्ज दोनों अच्छी तरह से निभा रही है।
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