posted on : जून 21, 2023 7:18 अपराह्न
कोटद्वार : भाबर स्थित भगवंत ग्लोबल विश्वविद्यालय में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर विश्वविद्यालय के डीन प्रो. पीएस राणा द्वारा स्वस्थ रहने की सबसे प्राचीन भारतीय पद्धति योग जिसे हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा हमें प्रदान किया गया। आधुनिक समय में विश्व स्तर पर अपनायी जा रही है। योग का सीधा सा अर्थ-जोडना होता है। अर्थात आत्मा को परमात्मा से जोड़ना। भारतीय संस्कृति अध्यात्म पर जोर देती है। व्यक्ति के विकास की कल्पना उसके आध्यात्मिक विकास के बिना नहीं करती। डीन प्रो. पीएस राणा ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि आज जब हमें कई ऐसी बीमारियों ने घेर लिया है जिसके लिए हम स्वयं जिम्मेदार हैं ऐसे में योगिक पद्धति सबसे सरल व उत्तम है जिसे सम्पूर्ण विश्व मान रहा है। निरोग व सुखद जीवन के लिए योग करना जरूरी है इसके क्षेत्रीय व वैश्विक स्तर पर प्रचार व प्रसार के लिए विश्वविद्यालय दृढ़ संकल्पित है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय में योगाभ्यास किया गया जिसमें कु. मोनिका बिष्ट योग प्रशिक्षका ने योगाभ्यास कराया। डीन प्रो. पीएस राणा ने योग प्रशिक्षक कु. बिष्ट को विश्वविद्यालय की ओर से स्मृति चिन्ह भेंटकर सहयोग प्रदान करने हेतु उनका आभार व धन्यवाद ज्ञापित किया। साथ ही सभी से भारतीय पद्धति योग को जन- जन तक पहुंचाने की अपील की। कार्यक्रम का संचालन धीरेन्द्र कुमार द्वारा किया गया।उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सभी शिक्षकों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम में अरुण कुमार, डॉ. के. सर्वानन, पिंकी विष्ट, विकास कुमार, विशाल, हिमांशु, शशि, ब्रजेश, रूपाली, आदि समस्त शिक्षकों व छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। विवि के कुलाधिपति डॉ. अनिल सिंह, प्रति कुलाधिपति डॉ. आशा सिंह व डॉ. विभांशु विक्रम ने विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षकों, स्टाफ व छात्र-छात्राओं को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की बधाई व सभी के स्वस्थ रहने की शुभकामना दी।