posted on : जनवरी 10, 2023 6:08 अपराह्न
कोटद्वार । राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के इतिहास विभाग की पूर्व में गठित इतिहास परिषद के तत्वावधान में एक तात्कालिक भाषण प्रतियोगता का आयोजन किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़कर कर प्रतिभाग किया। विभाग प्रभारी डॉ. प्रवीन जोशी ने कार्यक्रम को आरंभ करते हुए कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति को विश्व में लोग जानने के उत्सुक रहते हैं इसलिए सबसे पहले हमे अपनी संस्कृति को गहराई से जानना आवश्यक है । जिसकी जरूरत समय की मांग है। डॉ जुनिष कुमार ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड देव भूमि है यहां प्राचीन काल से ही आध्यात्म का वास रहा है इसलिए सभ्यताओं के विकास में इसका सहयोग रहा है, विदेशी आक्रांता यहां आएं लेकिन यहां से सीख लेकर गए है हमे भी सीख लेने की जरूरत है।
संचालन करते हुए डॉ धनेन्द्र कुमार पंवार ने छात्र-छात्राओं को इस प्रकार की प्रतियोगिताओं में बढ़ चढ़कर प्रतिभाग करने कि लिए कहा। बताया कि उत्तराखंड देश की जरूरत है इसलिए इसकी महत्ता को बनाए रखना हमारा कर्तव्य है। इस अवसर पर प्राचार्य प्रोफेसर जानकी पंवार ने छात्रों को आशीर्वचन देते हुए कहा कि उत्तराखंड में देवताओं का वास है । यहां आत्मिक शांति मिलती है, जलवायु बेहतरीन है, कुदरती पर्यावरण है, कल कल करती हुई नदियां बहती है। अनगिनत विशेषताएं है बस जरूरत है उसको संजोकर रखने की। भाषण प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले छात्र छात्राओं में प्रथम स्थान पर कु रिषिका, द्वितीय स्थान पर कुमारी मानसी, तृतीय स्थान पर किशन जोशी तथा सांत्वना पुरुस्कार के रूप में अंजना केष्टवाल व नरगिस को प्राप्त हुआ।