जोशीमठ (चमोली)। चमोली जिले के जोशीमठ विकास खंड के सलूड गांव में गुरूवार को विश्व धरोहर रम्माण का आयोजन किया गया। पूजा अर्चना के साथ ही भूमियाल देवता मंदिर के प्रांगण में ढोल-दामाऊं की तालों पर रामायण के आख्यानों का मंचन किया गया। स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही आसपास के ग्रामीण में बडी संख्या में रम्माण को आयोजन को देखने पहुंचे थे।
पौराणिक पंरम्पराओं के अनुसार हिन्दू पंचाग के अनुसार प्रतिवर्ष बैशाख माह में सूलड गांव में रम्माण मेले का आयोजन किया जाता है। सलूड गांव में आयोजित होने वाले रम्माण मेले को वर्ष 2009 में यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर में शामिल किया गया है। रम्माण का मंचन ढोल-दमाऊं की थाप पर खुले चैक (आंगन) में किया जाता है। इस दौरान रामायण के साथ ही विभिन्न हिन्दू देवी-देवताओं की गाथाओं का भी मंचन किया जाता है। गुरूवार को सलूड गांव में आयोजित रम्माण को आगाज मुखौटा नृत्य के साथ हुआ। जिसके बाद यहां कलकारों ने ढोल और दमाऊं की 18 तालों पर रामायण के आख्यानों का मंचन किया। माल नृत्य के मंच के साथ आयोजन का समापन किया गया। इस दौरान भूमियाल देवता ने अपने पश्वा (अवतारी पुरुष) पर अवतार लेकर ग्रामीणों को आर्शीवाद दिया। इस मौके पर संस्कृतिकर्मी डॉ दाताराम पुरोहित, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कृष्णमणि थपलियाल, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष विक्रम फरस्वाण, भरत सिंह कुंवर, गुड्डू लाल, विकेश कुंवर, धर्मेंद्र नेगी सहित अन्य ग्रामीण मौजूद थे।
कार्यक्रम संयोजक डा. कुशल सिह भंडारी का कहना है कि गांव की खुशहाली के लिये इस पौराणिक धार्मिक मेले का आयोजन किया जाता है। मेले में आयोजित होने वाले रम्मवाण को यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर में भी शामिल किया गया है।


