कोटद्वार। कण्वाश्रम विकास समिति के बैनर तले भाबर क्षेत्र के पार्षदो व स्थानीय निवासियों ने एकत्रित होकर एक बैठक का आयोजन किया। बैठक में ट्रैचिंग ग्राउंड का पूर्ण विरोध किया गया। स्थानीय लोगों और पार्षदों ने कण्वाश्रम विकास समिति के लेटर हेड पर जिलाधिकारी पौड़ी को पत्र भेजा। ग्रामीणों व पार्षदों ने बताया कि अगर शाशन स्तर पर ट्रैचिंग ग्राउंड को अनियंत्रित हस्तांतरण करने का निर्णय नही लिया गया तो क्षेत्र की जनता उच्च न्यायालय का रुख करेगी।
जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में बताया गया कि नगर निगम कोटद्वार द्वारा राजस्व ग्राम कंचनपुरी ग्राम सभा तथा पट्टी हल्दूखाता कोटद्वार के निकट मानचित्र में ट्रैचिंग ग्राउंड तथा ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के लिए एक प्रोजेक्ट प्रस्तावित है। जहां की संपूर्ण कोटद्वार नगर क्षेत्र के एकत्रित दैनिक 40 टन कूड़े का निस्तारण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कुछ शर्तों पर स्वीकृति प्रदान की गई है। यह क्षेत्र मालन नदी व उसकी एक धारा रतनलाल नदी के बीच की भूमि में स्थित है इस प्रोजेक्ट के नक्शे में यह स्थान उत्तर प्रदेश की सीमा में दर्शाया गया है। मालन नदी के जिस तट से इस प्रोजेक्ट की दूरी 600 मीटर बताई गयी है उसी तट के पास पर भारत वर्ष का विश्वविख्यात ऐतिहासिक स्थल कण्वाश्रम। जिसे इस देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश अनुसार भारत सरकार द्वारा जून 2018 में एक आईकॉनिक स्थल घोषित किया। तथा वर्तमान में उसके सौंदर्यीकरण के लिए भारत सरकार तथा उत्तराखंड सरकार का प्रयासरथ है। कण्वाश्रम सम्राट भरत की जन्मस्थली है, जिनके नाम से इस राष्ट्र को भारत वर्ष कह कर संबोधित किया जाता है। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत चयनित कण्वाश्रम से 10 किलोमीटर के दायरे में क्षेत्र में स्वच्छता अभियान की सीमा है। आईकॉनिक स्थल बनने के उपरांत यहां देश-विदेश के पर्यटक जिस रास्ते से आगमन करेंगे उस रास्ते से मात्र 400 मीटर की दूरी पर स्थित यह कूड़ा घर जिसकी दुर्गंध से सभी निश्चित प्रभावित होंगे। कण्वाश्रम से उक्त ठोस अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र की दूरी करीब साढे 3 किलोमीटर से कम है। एक राष्ट्रीय स्मारक पवित्र मालिनी नदी के निकट ऐसे प्रोजेक्ट का निर्माण करने के कारण संपूर्ण भाबर क्षेत्र के जनमानस में भी अत्यधिक रोश तथा पीड़ा है। इसके अतिरिक्त इस कूड़ा घर के 500 मीटर के दायरे में कई अन्य सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाएं तथा स्कूल कॉलेज भी है। कोटद्वार नगर की इस संबंध में प्रेषित रिपोर्ट में इस तथ्य को छुपाया गया और नहीं दर्शाया गया कि यह प्रोजेक्ट पवित्र मालनी नदी के तट पर बनाया जा रहा है। ग्रामीणों ने बैठक में निर्णय लिया कि अगर शासन स्तर पर इस कूडा घर जनहीत में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो क्षेत्रवासी उच्च न्यायालय की शरण लेंगे। इस मौके पर मनीष भट्ट, राकेश बिष्ट, सौरभ नौटियाल, अनुराग, प्रमोद रावत, राजू डबराल, प्रेम सिंह तड़ियाल,सुनील मेंदोला,वीरेंद्र मनराल, विशम्बर दत्त धूलिया, विनोद बहुखण्डी, कृष्णा नेगी सहित कई लोग रहे मौजूद।