पोखरी / चमोली (यशवंत राणा): कोरोना संक्रमण के चलते लाॅक डाउन के कारण जहां लोगों की आर्थिकी प्रभावित हुई है। वहीं चमोली जिले के सुदूरवर्ती गांव नैल की 46 वर्षीय कमला देवी सब्जी उत्पादन को अपनी आर्थिकी का जरिया बनाया है। कोविड-19 के चलते जहां छोटे उद्योग धंधों से लेकर बड़े कल कारखाने बंद हो गये है। इनमे काम करने वाले प्रवासी युवा बेरोजगार होकर अपने घरो को लौट आये हैं और बेरोजगारी की मार झेल रहे है। उनके सामने आजीविका चलाने का सकट खडा हो गया है। ऐसे बेरोजगार युवाओं के लिऐ प्रेरणा स्रोत बनी हुई है कमला देवी। जिसने सब्जी उत्पादन का काम शुरू कर उसे अपनी आजीविका का साधन बना लिया है और उसी से अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही। कमला देवी पिछले दो वर्षाे से अपने घर के खेतो मे गोभी और आलू का उत्पादन कर रही है।
कमला देवी का कहना है कि पिछले वर्ष उसने 50 हजार रुपये की सब्जी बेची और इस वर्ष उससे भी ज्यादा की आय होने की सम्भावना है। इसी से वह अपने परिवार का भरण-पोषण करती है। बताती है कि उनकी सब्जी की मांग पोखरी क्षेत्र के हापला, किमोठा, पोखरी, जोरासी आदि बाजारों में काफी है।
बताती है कि उनके पति पति भीमराव सिह रमोला भी बेरोजगार है जो सब्जी उत्पादन मे उसके साथ सहयोग करते हैं। कमला देवी का कहना है कि पहाडो मे सब्जी उत्पादन की अपार सम्भावनाये है और इससे अच्छी खासी आय प्राप्त की जा सकती है। कोरोना महामारी के कारण घर लौटे प्रवासी बेरोजगार सब्जी उत्पादन कर घर बैठे स्वरोजगार पा सकते हैं।
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