हरिद्वार : अखिल विश्व गायत्री परिवार की प्रमुख श्रद्धेया शैलबाला पण्ड्या शुक्रवार को शताब्दी समारोह 2026 की तैयारियों की समीक्षा हेतु हरिद्वार स्थित बैरागी द्वीप के समारोह स्थल पहुँचीं। उन्होंने समारोह स्थल पर चल रहे विशाल निर्माण एवं व्यवस्थापन कार्यों में जुटे परिजनों में नई प्रेरणा और उत्साह का संचार किया। यह शताब्दी वर्ष परम वंदनीया माताजी की जन्म शताब्दी, सिद्ध अखंड दीप के प्राकट्य तथा पूज्य गुरुदेव की साधना के 100 वर्ष की त्रिवेणी के रूप में मनाया जा रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर के लिए बैरागी द्वीप पर अस्थायी नगर तैयार किया जा रहा है, जिसमें गायत्री परिवार द्वारा सात नगरों का निर्माण किया जाएगा। समारोह में भारत सहित लगभग पच्चीस देशों के प्रतिनिधियों के आने की संभावना है।
शुक्रवार को प्रात: शांतिकुंज अधिष्ठात्री ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ साधना कक्ष का पूजन किया और निर्माण कार्य का शुभारंभ कराया। इस अवसर पर गायत्री परिवार की अभिभाविका श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि यह निर्माण मात्र ईंट-पत्थरों का कार्य नहीं, बल्कि युगऋषि पूज्य आचार्यश्री के विचार क्रांति अभियान को साकार करने का महायज्ञ है। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम के रीछ, वानर, गिलहरियों ने उनके कार्यों को पूरा करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था, उसी तरह इस समय इस युग के श्रीराम (युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्यश्री) के अभियानों को सफल बनाने में निष्ठा, एकजुटता और समयबद्धता के साथ सभी कार्य पूर्ण करना है। इस अवसर पर उन्होंने श्रम-यज्ञ में जुटे साधकों का उत्साहवर्धन किया।
इस अवसर पर देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के 1000 से अधिक विद्यार्थी, शांतिकुंज कार्यकर्ता तथा विभिन्न क्षेत्रों से आए अतिथियों ने श्रम यज्ञ में भाग लेकर पसीना बहाया। शताब्दी समारोह के समन्वयक श्याम बिहारी दुबे ने बताया कि पाँच दिवसीय इस आयोजन में देश-विदेश की अनेक प्रतिष्ठित हस्तियाँ, केंद्रीय मंत्री, कई राज्यों के मुख्यमंत्री आदि शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि यह आयोजन विश्व बंधुत्व, सांस्कृतिक समन्वय और आत्मिक जागरण का अनूठा मंच बनेगा। इस दौरान देवसंस्कृति विवि के प्रतिकुलपति युवा आइकॉन डॉ चिन्मय पण्ड्या, शांतिकुंज महिला की प्रमुख शैफाली पण्ड्या, व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरि सहित अनेकानेक साधक, स्वयंसेवक उपस्थित रहे।


