ऋषिकेश : श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पं. ललित मोहन शर्मा परिसर, ऋषिकेश के गणित विभाग द्वारा गणित विभागीय परिषद के तत्वावधान में क्विज़, निबंध लेखन एवं पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में गणितीय सोच, रचनात्मकता और अभिव्यक्ति कौशल को प्रोत्साहित करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत गणित विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. अनीता तोमर के प्रेरणादायक संबोधन से हुई, जिसमें उन्होंने छात्रों को गणित के विविध पहलुओं को समझने और उनमें रुचि विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि गणित न केवल एक विषय है, बल्कि यह तार्किक सोच, समस्या समाधान और विश्लेषणात्मक क्षमता को विकसित करने का माध्यम है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे गणित को केवल पाठ्यक्रम तक सीमित न रखें, बल्कि इसे अपने दैनिक जीवन में भी अपनाएं। उन्होंने भारतीय गणितज्ञों के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्राचीन भारतीय गणित ने न केवल भारत की विज्ञान और गणित की प्रगति को दिशा दी, बल्कि संपूर्ण विश्व में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। शून्य की अवधारणा, दशमलव प्रणाली और त्रिकोणमिति जैसे क्षेत्रों में भारतीय गणितज्ञों के योगदान को उन्होंने विशेष रूप से रेखांकित किया। इस अवसर पर प्रो. तोमर ने छात्रों को गणित के प्रति उनकी रुचि और समर्पण के लिए सराहना की और कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएं छात्रों में आत्मविश्वास और रचनात्मकता को बढ़ावा देती हैं।
प्रो. दीपा शर्मा ने अपने संबोधन में कहा, “गणितीय प्रतियोगिताएं छात्रों के बौद्धिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये प्रतियोगिताएं न केवल ज्ञान को बढ़ाती हैं, बल्कि आत्मविश्वास और टीम वर्क की भावना को भी प्रोत्साहित करती हैं।” डॉ. गौरव वार्ष्णेय ने गणित के व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को गणित के क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार के लिए प्रेरित किया।
क्विज़ प्रतियोगिता का विषय “गणित का इतिहास” था, जिसमें बी.एससी. द्वितीय, चतुर्थ, षष्ठ सेमेस्टर एवं एम.एससी. द्वितीय, चतुर्थ सेमेस्टर के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कड़े मुकाबले के बाद एम.एससी. चतुर्थ सेमेस्टर की टीम विजेता घोषित की गई, जिसमें नितेश बर्थवाल, लकी शर्मा, हर्षिता अग्रवाल और प्रेरणा शामिल थे।
पोस्टर प्रतियोगिता में छात्रों ने गणितीय विषयों, वास्तविक जीवन में गणित के प्रयोग और नवीन अवधारणाओं पर आधारित पोस्टर प्रस्तुत किए।मूल्यांकन मौलिकता, प्रस्तुति, विषय से संबंधितता और विषयवस्तु की स्पष्टता के आधार पर किया गया। विजेताओं में सोनम नौटियाल (प्रथम स्थान), सार्थक सेमवाल (द्वितीय स्थान) और विपुल मोहन (तृतीय स्थान) शामिल रहे।
निबंध प्रतियोगिता में छात्रों ने गणितीय विषयों, समाज में उनकी प्रासंगिकता और इस क्षेत्र में वर्तमान विकास पर अपने विचार प्रस्तुत किए। मूल्यांकन मौलिकता, संरचना, विषयवस्तु की गहराई और भाषा के आधार पर किया गया। विजेताओं में आयुष सिंह नेगी (प्रथम स्थान), आयुषी श्रीवास्तव (द्वितीय स्थान) और लक्की शर्मा (तृतीय स्थान) शामिल रहे।
प्रतियोगिताओं के निर्णायक मंडल में डॉ. कुमुद, डॉ. अंकुर कुमार और डॉ. पंकज रावत शामिल थे। कार्यक्रम के अंत में डॉ. पवन जोशी ने सभी प्रतिभागियों, निर्णायकों और आयोजकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रोशोधार्थी मोनिका, सजल, गीता बोरा, रश्मि राय, मुकेश सिंह सुगारा, प्रियंका और शिवानी सहित गणित विभाग के सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन बी.एससी. चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा प्राची शर्मा द्वारा किया गया। यह आयोजन छात्रों के लिए गणित के प्रति रुचि बढ़ाने और उनकी रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा।


