posted on : अक्टूबर 24, 2021 10:56 अपराह्न
मेयर गौरव गोयल ने विद्यालय खोलने के लिए भेजा था जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र
रुड़की । बारह वर्ष से बंद पड़े विद्यालय को रुड़की महापौर द्वारा 16 अगस्त को डीईओ हरिद्वार को पत्र लिखकर नगर क्षेत्र में बंद पड़े प्राथमिक विद्यालयों को खुलवाने हेतु पत्र लिखा था जिसका संज्ञान लेते हुए डीईओ हरिद्वार ने बंद पड़े विद्यालयों को खोलने हेतु उप शिक्षा अधिकारी रुड़की को निर्देशित किया। उप शिक्षा अधिकारी रुड़की सुबोद्ध मलिक ने तीनों स्कूलों को खोलते हुए तीनो स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था कर दी परन्तु कुछ दिनों बाद ही उप शिक्षा अधिकारी रुड़की सुबोद्ध मलिक द्वारा अपना आदेश निरस्त करते हुए स्कूल बंद कर दिए गए। तभी रुड़की उप शिक्षा अधिकारी सुबोद्ध मलिक से चार्ज वापस लेकर भगवानपुर उप शिक्षा अधिकारी कुंदन सिंह को दे दिया गया कुंदन सिंह ने राम नगर में बंद पड़े विद्यालय नम्बर 7 को खोलते हुए उस विद्यालय में प्राथमिक विद्यालय हथियाथल के शिक्षक राजीव कुमार शर्मा को तैनात कर दिया जिसके उपरांत शिक्षकों का एक गुट विद्यालय के भवन की जर्जर हालत बताते हुए विद्यालय खोलने के विरोध में आ गया।
इस बीच इस प्रकरण में नेताओ ने भी अलग अलग जोर लगाने शुरू कर दिए एक तरफ रुड़की महापौर गौरव गोयल बंद पड़े सरकारी विद्यालय खुलवाना चाहते है वहीँ दूसरी तरफ नगर विधायक प्रदीप बत्रा ने नम्बर 7 विद्यालय को बंद करने और तैनात शिक्षक की व्यवस्था समाप्त करने के लिए डीईओ को पत्र लिखा लेकिन अगले ही दिन आनन फानन में नगर विधायक प्रदीप बत्रा ने अपने पत्र को संशोधित करते हुए स्कूल को खोले जाने उसमें तैनात शिक्षक को बरकरार रखते हुए एवं उसकी मरम्मत कराए जाने हेतु डीईओ को संशोधित पत्र लिखा। लेकिन डीईओ हरिद्वार ने नगर विधायक प्रदीप बत्रा के पत्र का हवाला देते हुए 22 अक्टूबर को पत्र जारी करते हुए उप शिक्षा अधिकारी रुड़की को सरकारी प्राथमिक विद्यालय बंद करने के आदेश दे दिया है।
आपको बताते चलें कि वर्तमान में विद्यालय भवन में एक शिक्षक तैनात है जो वहां रखी गयी पुस्तकों की देखरेख करते है. इसके साथ ही विद्यालय के एक कक्ष में एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अपने परिवार सहित रहते हैं जिनके छोटे छोटे बच्चे है तो क्या भवन जर्जर होने से उनको खतरा नही होगा यह अपने आप एक बड़ा सवाल खड़ा होता है जिसका उत्तर तो भविष्य के गर्भ में ही है . यदि भवन जर्जर अवस्था में है और इसमें बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए विद्यालय संचालित नही किया जा सकता है तो विद्यालय में रहने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के परिवार जो इसमें निवासरत है उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसके भरोसे है?…. इसके साथ ही बड़ा सवाल यह खड़ा होता है विद्यालय परिसर में उक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को जर्जर विद्यालय भवन में रहने की अनुमति किसके द्वारा प्रदान की गयी है? यह भी अपने आप में यक्ष प्रश्न है.
इस विषय में जब जिला शिक्षा अधिकारी विद्याशंकर चतुर्वेदी से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि विद्यालय का भवन जर्जर अवस्था में है और विधायक जी ने इस विषय को लेकर पत्र लिखा था जिसका संज्ञान लेकर विद्यालय को बंद करने के आदेश दिए गये है. हमारे द्वारा जब जिला शिक्षा अधिकारी से पूछा गया कि क्या विद्यालय भवन की टेक्निकल टीम द्वारा जर्जर होने की रिपोर्ट दी गयी तो उन्होंने इस पर मना कर दिया कि देखने में भवन जर्जर अवस्था में है और छत से पानी आ रहा है.
इसके साथ जब लाइव एसकेजी न्यूज़ द्वारा महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी से बात की गयी तो उन्होंने सकारात्मक रुख अपनाते हुए बताया कि मामला उनके संज्ञान में नही है. इस पुरे मामले को दिखवाया जायेगा और जो भी छात्र छात्राओं के हित में होगा उसको किया जायेगा.