देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर देखने को मिली। यहां नौबत मारपीट तक जा पहुंची। इस दौरान कुछ लोगों ने हरीश रावत पर टिप्पणी का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता राजेंद्र शाह से मारपीट कर दी।
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के समर्थक माने जाने वाले पूर्व राज्य मंत्री राजेंद्र शाह देहरादून की रायपुर विधानसभा सीट से टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। इससे पहले राजेन्द्र शाह ने फेसबुक पर लिखा कि, “कांग्रेस के मेरे साथियों पिछले 12 घंटों से लगातार देवेन्द्र यादव, प्रभारी उत्तराखंड के खिलाफ कुछ लोग अनर्गल व अपने अधिकार छेत्र से बाहर निकलकर टिप्पणियों की बौछार कर रहे हैं जो बिल्कुल अनुचित है जब से उन्होंने प्रदेश का प्रभार संभाला है तब से लगातार पूरे प्रदेश के दूरस्त इलाकों में घूम घूम कर हर कांग्रेस के साथी के साथ मिलकर कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने का कार्य कर रहे हैं । उत्तराखंड में पहली बार किसी प्रभारी को जमीनी स्तर पर कार्य करते हुए देख रहा हूँ जिसका असर भी स्पष्ठ धरातल पर नजर आ रहा है,इससे पहले भी बहुत प्रभारी आते थे सुबह बात की शाम को दिल्ली वापिस ? राहुल गाँधी जी की रैली के बाद जो कांग्रेस का वातावरण पूरे प्रदेश में बना था इन तमाम बयानों से वो खत्म हो रहा है ।
आगे उन्होंने लिखा कि, “कुछ लोग जो उत्तराखंड आंदोलन में खटीमा, मसूरी, मुज्जफरनगर की घटना 42 से ज्यादा शहादतों के बाद भी 30 से 35 सांसदों को दिल्ली में राष्ट्रपति के पास ले जाकर ये कह रहे थे कि ये राज्य आंदोलन ठाकुरों और ब्राह्मणों का है हमें दबाया, कुचला जायेगा आज वो उत्तराखंड के भाग्य विधाता बने हैं क्योंकि विधायक हारोगे तो संसद और सांसद हारोगे तो राज्यसभा ? ईश्वर ऐसे तमाम लोगों को सद्बुद्धि दे बस में तो इतना ही कह सकता हूँ।”
बता दें कि, इससे पहले बुधवार को हरीश रावत ने प्रदेश के पार्टी संगठन को आड़े हाथों लिया है। सोशल मीडिया पर संगठन की भूमिका पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदों ने मेरे हाथ-पांव बांध दिए हैं। सोशल मीडिया पर बुधवार को रावत की वायरल पोस्ट के बाद कांग्रेस में हड़कंप मच गया था। पोस्ट में रावत ने साफ कहा कि जिस चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, वहां संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर कर खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि अब बहुत हो गया। बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है। रावत ने कहा-फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है। बड़ेऊहापोह में हूं। नया साल शायद रास्ता दिखा दे। विश्वास है कि भगवान केदारनाथ मेरा मार्गदर्शन करेंगे।
वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत के मीडिया सलाहकार व कांग्रेस उपाध्यक्ष सुरेंद्र अग्रवाल ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर खुला हमला किया। उन्होंने कहा कि, भाजपा ने कांग्रेस को कमजोर करने के लिए जो षडयंत्र रचा है, उसके दायरे में कहीं न कहीं प्रदेश प्रभारी भी आ गए हैं। प्रभारी का काम सभी लोगों को एक साथ लेकर चलने का होता है। चुनाव रैली में पूर्व सीएम हरीश रावत के पोस्टर बैनर को हटाया गया।