हल्द्वानी/देहरादून। भ्रष्टाचार के मामले में उत्तराखंड पेयजल निगम हल्द्वानी के प्रभारी मुख्य अभियंता सुजीत कुमार को निलंबित कर दिया गया है। सुजीत कुमार पर आरोप है कि उन्होंने विभाग ने काम दिलाने के नाम पर शिकायतकर्ता से करीब 10 लाख रुपए की रिश्वत ली। जांच में आरोपी की पुष्टि हुई है, जिसके बाद ही विभाग की तरफ से सुजीत कुमार को निलंबित कर दिया गया है।
काशीपुर के रहने वाले संजय कुमार ने इस मामले को लेकर लिखित शिकायत दी थी। अपनी शिकायत में संजय कुमार ने आरोप लगाया था कि साल 2022 में सुजीत कुमार तत्कालीन अधीक्षण अभियंता, निर्माण, मंडल देहरादून ने उनकी फर्म को विभाग में काम दिलाने और पंजीकरण करवाने का आश्वासन दिया था।
आरोप है कि इसके बदले सुजीत कुमार के कहने पर शिकायतकर्ता ने पांच किस्तों में कुल दस लाख रुपए ‘कुचु-पुचु इंटरप्राइजेज’ नाम की फर्म के खाते में ट्रांसफर किये।जांच में सामने आया कि उस फर्म की पार्टनर खुद सुजीत कुमार की पत्नी हैं। संजय कुमार ने शिकायत के साथ बैंक खातों से संबंधित दस्तावेज और स्टाम्प पेपर भी संलग्न किए गए थे। सुजीत कुमार पर लगे सभी आरोप सही पाए, जिसके बाद विभाग ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है।
आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य में साल दर साल विजिलेंस ट्रैप और गिरफ्तारियों के साथ ही सजा के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। इस दौरान विजिलेंस ने कुल 82 ट्रैप में 94 गिरफ्तारियों को अंजाम दिया, जिसमें 13 राजपत्रित अधिकारी शामिल हैं। बीते साढ़े चार साल से विजिलेंस के पास कुल 125 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें 18 में सामान्य जांच, 25 में खुली जांच के बाद 82 ट्रैप किए गये।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सतर्कता विभाग ने शिकायत दर्ज कराने के लिए टोल फ्री नम्बर 1064 भी जारी किया है।यही नहीं मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को अंतिम फैसला आने तक आरोपियों को पूर्व के दायित्व या अहम जिम्मेदारी नहीं देने के साथ ही ट्रैप के मामलों में अभियोजन की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।


