चमोली । चमोली उद्यान विभाग की ओर से जिले में कीवी के उत्पादन के लिये काश्तकारों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिसे लेकर विभाग की ओर बीते एक वर्ष में जिले के जोशीमठ, पोखरी, कर्णप्रयाग और दशोली ब्लॉकों में 1550 से अधिक पौधे लगाये जा चुके हैं। जानकारों के अनुसार जिले में औषधीय गुणों वाले कीवी के उत्पादन के जलवायु बहुत ही अच्छी है।
काश्तकारों की आय में आय दुगनी करने की मंशा से केंद्र सरकार की ओर संचालित हॉल्टीकल्चर मिशन फॉर नार्थ ईस्ट हिमालय (एचएमएनईएच) के तहत उद्यान विभाग की ओर से चमोली को कीवी उत्पादक जिले के रुप में विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। मिशन के तहत मंडल घाटी के 60 काश्तकारों को योजना से जोड़ा जा चुका है। जबकि जिले के 250 काश्तकारों नक उद्यान विभाग से पौधों की मांग की गई है। विभाग के रघुवीर राणा ने बाजार में कीवी का फल प्रति एक 20 से 50 रुपये तक बिकता है। जो काश्तकारों के लिये आमदनी का बेहतर जरिया हो सकता है। पौधा चार वर्ष में फल देने लगाता है। पौधे को समान्य देखरेख की आवश्यकता होती है। वहीं फल तीखेपन के चलते बंदर और लंगूर जैसे जानवर भी इसे नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
क्या कहते हैं काश्तकार
उद्यान विभाग की ओर से संचालित योजना के तहत बीते वर्ष 50 पौधों का रोपण किया गया है। बाजार में कीवी की अच्छी मांग है। यदि सरकार और विभाग की ओर से इसके विपणन की सही व्यवस्था की जाती है, तो कीवी उत्पादन से काश्तकारों को कम मेहनत में बेहतर आय प्राप्त हो सकेगी।
कुंवर सिंह, कीवी काश्तकार, मंडल
क्या कहते है अधिकारी
जिले में एचएमएनईएच के तहत कीवी के उत्पादन के लिये काश्तकारों को प्रोत्साहित किया रहा है। काश्तकारों को केंद्र सरकार की योजना के अनुसार 50 फीसदी की सब्सीडी पर 75 रुपये में पौध उपलब्ध कराने के साथ ही पौधे की देखरेख की तकनीकी जानकारी भी दी जा रही है। चमोली की आबोहवा में पौधे की वृद्धि उत्साहित करने वाली है। आगामी अक्तूबर माह में नये काश्तकारों को भी कीवी के उत्पान से जोड़ा जाएगा।
तेजपाल सिंह, जिला उद्यान अधिकारी, चमोली।
कीवी के औषधीय गुणः
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर
कोलेस्ट्रॉल लेवल के लिए
सूजन कम करने में मददगार
कब्ज़ से राहत के लिए
रक्त की कमी को दूर करता है
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