चमोली । सरकार की ओर से ग्रीन जोन वाले पहाड़ी जिलों में सार्वजनिक वाहनों के संचालन की अनुमति दी गई है। लेकिन किराये को लेकर स्पष्ट दिशा.निर्देश न होने से वाहन चालाकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं आवाजाही करने वालो लोगों को भी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। ऐसे में इस निर्णय का लोगों को लाभ होता नजर नहीं आ रहा है।
बता दें कि सरकान ने ग्रीन जोन में शामिल जिलों में आवाजाही के लिये 50 फीसदी यात्रियां के साथ सार्वजनिक वाहनों के संचालन के आदेश दे दिये हैं। लेकिन 50 फीसदी यात्रियों के साथ निर्धारित किराये पर वाहनों का संचालन वाहन चालाकों के लिये आर्थिक नुकसान का कारण बन रहा है। टैक्सी यूनियन गोपेश्वर के अध्यक्ष जगमोहन सिंह का कहना है कि 50 फीसदी यात्रियों को लेकर वाहनों का संचालन करने पर खर्च होने वाले डीजल की लागत भी नहीं मिल रही है। ऐसे में अन्य खर्च निकालना भी संभव नहीं है। जिससे चालक वाहन संचालन से कतरा रहे हैं।
क्या कहते है अधिकारी
शासन से मिले आदेशों के अनुसार जिले में सार्वजनिक वाहनों के संचालन की अनुमति 17 मई तक दी गई है। वाहन चालकों की ओर से 50 फीसदी यात्रियों के साथ वाहनों के संचालन में असमर्थता जतायी जा रही है। जिसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
एल्विन राक्सी एआरटीओ चमोली।



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