- 20 साल की नींद बनाम 4 साल का रिकॉर्ड
- उत्तराखंड के युवाओं ने नौकरी के लिए इंतजार में जवानी गंवा दी, सरकारें सिर्फ कुर्सी बदलती रहीं।
देहरादून : राज्य गठन के 20 साल में 9 मुख्यमंत्रियों ने मिलकर मुश्किल से 11,528 नौकरियां दीं। सोचिए! जिस प्रदेश को “बेरोजगारी की राजधानी” कहा जाने लगा, वहां सरकारें बस वादे गढ़ती रहीं। लेकिन आंकड़ों पर गौर करें तो वर्तमान की धामी सरकार ने महज़ 4 साल में 26,025 नौकरियां देकर वह कर दिखाया, जो पिछली 9 सरकारें मिलकर भी न कर पाईं।
आंकड़े बोलते हैं, बहाने नहीं
- 20 साल (9 मुख्यमंत्री) – 11,528 नौकरियां
- 4 साल (धामी सरकार) – 26,025 नौकरियां
- यानी धामी सरकार ने अकेले 25 साल की कुल नौकरियों (37 हज़ार) का दो-तिहाई हिस्सा अपने 4 साल में दे दिया।
आयोगवार तस्वीर
- UKSSSC – धामी सरकार: 11,041 | अन्य सरकारें: 4,193
- UKPSC – धामी सरकार: 8,359 | अन्य सरकारें: 6,128
- UMSSSB – धामी सरकार: 5,926 | अन्य सरकारें: 1,207
अब तक के मुख्यमंत्री और नौकरियों का हिसाब
- एन.डी. तिवारी – 1,571
- बी.सी. खंडूरी – 123
- रमेश पोखरियाल निशंक – 236
- विजय बहुगुणा – 812
- हरीश रावत – 2,496
- त्रिवेंद्र सिंह रावत – 5,083
- पुष्कर सिंह धामी – 26,025
- सवाल, जो पिछले 20 साल की सरकारों से पूछे जाने चाहिए
- क्यों बेरोजगारी पर सिर्फ जुमलेबाज़ी हुई.?
क्यों स्किल डेवलपमेंट और स्वरोजगार की योजनाएँ फाइलों में दबाकर रख दी गईं.? - क्यों 9 मुख्यमंत्रियों के दौर में युवा पलायन के लिए मजबूर हुए.?
- सिर्फ 4 साल में 25 हज़ार सरकारी नौकरियां, 20 साल में 9 मुख्यमंत्रियों का आंकड़ा भी पीछे
- चार साल में 25 हज़ार सरकारी नौकरियां, पिछली 9 सरकारें मिलकर भी न दे पाईं
- धामी सरकार के 4 साल में दी रिकॉर्ड 26 हजार नौकरियां, 20 साल में सिर्फ 11 हजार !
- 25 साल में कुल 37 हज़ार में से अकेले धामी ने दी 26 हज़ार नियुक्तियां
देहरादून। उत्तराखंड राज्य के रजत जयंती वर्ष में रोजगार का आंकड़ा युवाओं के लिए ऐतिहासिक संदेश लेकर आया है। महज़ चार साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 26,025 युवाओं को सरकारी नौकरी देकर एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। जबकि राज्य गठन के बाद पिछले 20 वर्षों में 9 मुख्यमंत्रियों की सरकारें मिलकर भी कुल 11,528 नौकरियां ही दे पाईं।
उत्तराखंड की 25 साल की यात्रा में सरकारी नौकरियों के लिहाज़ से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कार्यकाल सबसे यादगार और ऐतिहासिक साबित हुआ है। युवाओं के लिए यह दौर सिर्फ अवसरों का नहीं, बल्कि पारदर्शिता और भरोसे का भी है। धामी सरकार ने सरकारी नौकरी देने वाले तीन आयोगों के मार्फत पिछली 9 मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल की तुलना में तीन गुनी नौकरी दी है, जो अपने आप में बड़ा रिकॉर्ड है। खासकर धामी सरकार ने समूह ग में 16 हज़ार युवाओं को नौकरी दी। वहीं, अधिकारियों के 10 हज़ार पदों पर भी योग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति हुई। पारदर्शिता का आलम यह रहा कि कई अभ्यर्थियों ने एक नहीं बल्कि तीन से चार परीक्षाएं पास कर सफलता पाई।यही नहीं धामी सरकार ने आने वाले वर्षों के लिए एडवांस जॉब कैलेंडर जारी कर दिया है। इसमें 10 हज़ार से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया का अधियाचन पूरा हो चुका है और विज्ञप्तियां जारी होना बाकी हैं। यह परीक्षाएं भी इसी साल तक कराने का लक्ष्य रखा गया है।
20 साल बनाम 4 साल रोजगार का साफ़ अंतर
- पिछली सरकारों के लंबे कार्यकाल के मुकाबले धामी सरकार का प्रदर्शन रोजगार के क्षेत्र में कहीं आगे निकल गया है।
- 20 साल (9 मुख्यमंत्री) – 11,528 नौकरियां
- 4 साल (धामी सरकार) – 26,025 नौकरियां
आयोगवार भर्ती – धामी सरकार का रिकॉर्ड
- UKSSSC – 11,041 नियुक्तियां
- UKPSC – 8,359 नियुक्तियां
- UMSSSB – 5,926 नियुक्तियां
अन्य सरकारें (20 साल)
- UKSSSC – 4,193
- UKPSC – 6,128
- UMSSSB – 1,207
अब तक मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में मिली नौकरियां ….
- एन.डी. तिवारी – 1,571
- बी.सी. खंडूरी – 123
- रमेश पोखरियाल निशंक – 236
- विजय बहुगुणा – 812
- हरीश रावत – 2,496
- त्रिवेंद्र सिंह रावत – 5,083
- पुष्कर सिंह धामी – 26,025
युवाओं की जुबानी
- “पहली बार लगा कि सिस्टम पारदर्शी है। चार परीक्षाएं पास करने के बाद आखिरकार नौकरी मिली।” –विकास पंवार , चयनित अभ्यर्थी
- “समारोह में मंच पर नियुक्ति पत्र मिलना अविस्मरणीय रहा। भरोसे का नया दौर शुरू हुआ है।” संदीप कुमार,समूह ग चयनित
- “अब जॉब कैलेंडर से तैयारी आसान हो गई है। इंतजार का दौर खत्म हुआ।” – आकाश जोशी , UKPSC चयनित


