नई दिल्ली : मार्क जुकरबर्ग फेसबुक को अलग पहचान देकर अपनी सोशल मीडिया कम्पनी को दोबारा ब्रांडिंग देना चाहते थे इसी वजह से उन्होंने फेसबुक का नाम बदलकर मेटा कर दिया है। अब फेसबुक को दुनिया मेटा के नाम से जानेगी। फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने गुरुवार को एक मीटिंग में ये एलान किया। लंबे समय से चल रही फेसबुक का नाम बदलने की चर्चा पर विराम लगाते हुए मार्क जुकरबर्ग ने फेसबुक का नाम बदलकर मेटा कर दिया है। मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि कम्पनी का फोकस अब मेटावर्स बनाने पर है जिसके जरिये एक वर्चुवल दुनिया का आरंभ होगा जहां पर ट्रांसफर और कॉम्युनिकेशन के लिए अलग अलग टूल्स का उपयोग होगा। 18 अक्टूबर को फेसबुक ने कहा था कि वह आने वाले 5 वर्षों में यूरोपीय यूनियन में 10 हजार लोगों को काम पर रखने की योजना बना रहा है जिससे फेसबुक को मेटावर्स बनाने में सहयोग मिल सके। मेटावर्स एक नई ऑनलाइन दुनिया है जहां लोग मौजूद हैं और शेयर्ड वर्चुवल स्पेस में आपस मे संवाद करते हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि फेसबुक के फॉर्मर सिविक इंटीग्रिटी चीफ समिध चक्रवर्ती की तरफ से इस नए नाम का सुझाव दिया गया था। फेसबुक ने वर्चुअल रिएलिटी(VR) व ऑगमेंटेड रिएलिटी ( AR) में भारी निवेश किया है और अपने 3 अरब यूजर्स को कई डिवाइसेज और एप्स के माध्यम से जोड़ने का इरादा रखता है। हालांकि सबकी जुबान पे फेसबुक का नाम ही चढा है व रटा है यूजर्स को कुछ समय लगेगा फेसबुक को मेटा कहने में परन्तु अब उन्हें फेसबुक नाम भूलना होगा। मार्क जुकरबर्ग अब इस नए नाम के जरिए वे पूरी दुनिया के सामने खुद को सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक सीमित नहीं रखने वाले हैं। फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग (Facebook CEO Mark Zuckerberg) ने गुरुवार को कंपनी के कनेक्ट इवेंट में घोषणा की कि कंपनी का नया नाम (Facebook New Name) अब से मेटा (Meta) होगा। फेसबुक ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। ट्वीट में बताया कि, सोशल मीडिया का नया अध्याय मेटावर्स (Metaverse) सोशल कनेक्शन की नई राह होगी।
https://twitter.com/Meta/status/1453800021275545601?s=20
फेसबुक रिब्रांडिंग के साथ 10 बिलियन डॉलर करेगा खर्च, यह है फेसबुक की प्लानिंग
मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि, भविष्य के लिए डिजिटल रूप से हो रहे बदलाव को शामिल करने के प्रयास के तहत फेसबुक को अब नये नाम ‘मेटा’ के तौर पर जाना जाएगा। जुकरबर्ग इसे ‘मेटावर्स’ कहते हैं। जुकरबर्ग के मुताबिक ‘मेटावर्स’ एक ऐसा प्लेटफॉर्म होगा जिस पर लोग संवाद करेंगे और उत्पाद एवं सामग्री तैयार करने के लिए कार्य कर सकेंगे। उन्हें उम्मीद है कि यह एक ऐसा नया प्लेटफार्म होगा जो रचनाकारों के लिए ‘लाखों’ नौकरियां सृजित करेगा। 2004 में शुरुआत करने वाली सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने बताया कि सोशल मीडिया का नया अध्याय मेटावर्स (metaverse) सोशल कनेक्शन की नई राह होगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फेसबुक ‘मेटावर्स’ के लिए अपने विजन को बढ़ाने के लिए 10 बिलियन डॉलर से अधिक खर्च करेगा। पिछले कुछ दिनों से फेसबुक के नाम बदलने जाने की अटलकें लगाई जा रही थीं। जिसके बाद कंपनी के फाउंडर और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने नए नाम का ऐलान किया है। जुकरबर्ग लंबे समय से फेसबुक की रिब्रांडिंग करना चाह रहे थे, जहां फेसबुक केवल सोशल प्लेटफॉर्म ही नहीं बल्कि मेटावर्स के रूप में जाना जाए। फेसबुक ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, ‘जिन एप्स- इंस्टाग्राम, मैसेंजर और वाट्सएप- को हमने बनाया है, उनके नाम वहीं रहेंगे।’
Announcing @Meta — the Facebook company’s new name. Meta is helping to build the metaverse, a place where we’ll play and connect in 3D. Welcome to the next chapter of social connection. pic.twitter.com/ywSJPLsCoD
— Meta (@Meta) October 28, 2021
क्या होता है ‘मेटावर्स’ (Meta verse)?
बता दें कि ‘मेटावर्स’ (Metaverse) शब्द का प्रयोग तीन दशक पहले डायस्टोपियन उपन्यास में किया गया था। हालांकि फिलहाल यह शब्द सिलिकान वैली में चर्चा का विषय बना हुआ है। मेटावर्स (Metaverse) शब्द का इस्तेमाल डिजिटल दुनिया में वर्चुअल, इंटरेक्टिव स्पेस को समझाने के लिए किया जाता है। मेटावर्स दरअसल एक वर्चुअल दुनिया है, जहां एक आदमी फिजिकली मौजूद नहीं होते हुए भी मौजूद रह सकता है। इसके लिए वर्चुअल रियल्टी-की इस्तेमाल किया जाता है।
फेसबुक पेपर्स खुलासा विवाद से ध्यान भटकाने का है प्रयास?
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p style=”text-align: justify;”>फेसबुक की घोषणा ऐसे समय पर आयी है, जब फेसबुक अस्तित्व के संकट का सामना कर रहा है। फेसबुक पेपर्स में खुलासे के बाद इसे दुनिया के कई हिस्सों में विधायी और नियामक जांच का सामना करना पड़ रहा है। आलोचकों का मानना है कि, यह फेसबुक पेपर्स से दस्तावेज लीक होने से उत्पन्न विवाद से ध्यान भटकाने का एक प्रयास हो सकता है। गौरतलब है कि, फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने कहा था कि, कंपनी का भविष्य ‘मेटावर्स’ में है। फेसबुक जो लक्ष्य बना रहा है, वह एक अल्फाबेट इंक जैसी होल्डिंग कंपनी है – जो कि एक संगठन के तहत इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, ओकुलस और मैसेंजर जैसे कई सोशल नेटवर्किंग ऐप में से एक है।