posted on : मई 15, 2024 10:54 पूर्वाह्न
- ‘परिवार और जलवायु परिवर्तन’
देहरादून : अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस का लक्ष्य परिवारों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उन्हें इन प्रभावों को कम करने के लिए कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करना है। परिवार और सामुदायिक पहल शिक्षा, सूचना पहुंच, प्रशिक्षण और सामुदायिक भागीदारी प्रदान करके जलवायु कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सार्थक और प्रभावी जलवायु कार्रवाई के लिए परिवारों को सशक्त बनाना महत्वपूर्ण गतिविधि है। परिवारों में स्थायी आदतें और जलवायु जागरूकता पैदा करके, हम एक चक्रीय अर्थव्यवस्था में परिवर्तन ला सकते हैं।
- वैश्विक जीवन प्रत्याशा (Global Life Expectancy) 2019 में 72.8 वर्ष तक पहुंच गई थी।
- 2030 तक विश्व की लगभग 12% जनसंख्या 65 वर्ष या उससे अधिक आयु की होगी।
- 2050 तक वैश्विक स्तर पर औसत दीर्घायु लगभग 77.2 वर्ष तक पहुंच जाएगी।
- विश्व स्तर पर 23 % से अधिक व्यक्ति, जो 1 अरब से अधिक लोगों के बराबर हैं, शहरी क्षेत्रों में झुग्गियों में रहते हैं।
- एक अनुमान के अनुसार शहरी आबादी में 1% की वृद्धि से एशिया में मलिन बस्तियों में 5.3 % और अफ्रीका में 2.3 % की वृद्धि होती है।
- एक अनुमान के अनुसार वैश्विक आबादी का 2 % बेघर है और अतिरिक्त 20 % के पास पर्याप्त आवास नहीं है।
- जगनणना के आधार पर 2011 में भारत की जनसंख्या 121.019 करोड़ थी। तब से सरकार ने 2021 की गणना नहीं कराई है।
- जनसंख्या में वृध्दि के आधार के आधार गैर आधिकारिक डेटा के अनुसार 2024 में भारत की जनसंख्या 144.17 करोड़ पहुंच चुकी है।
- भारत में 30.24 करोड़ (2021) परिवार निवास करते हैं।
- भारत में 58.2℅ एकल परिवार हैं।
- भारत में 41.8 ℅ संयुक्त परिवार हैं।
- ग्रामीण इलाके में 56.7 % एकल परिवार निवास करते हैं। वहीं ग्रामीण इलाके में 43.3 % संयुक्त परिवार रहते हैं।
- शहरी इलाके में 61.3 % एकल परिवार रहते हैं। शहरी इलाके में 38.7 % संयुक्त परिवार रहते हैं।
- भारत में परिवार का औसत आकार 4.44 है।
- एक शोध के अनुसार अब परिवार की महिलाएँ 1 या अधिक से अधिक 2 बच्चे चाहतीं हैं।
- हर परिवार का दायित्व है कि वह प्रकृति सम्मत पर्यावरणीय आचरण करे और समाज में हरित परिवार के निर्माण में सहायक बने। इस वर्ष की थीम इसी पर आधारित है।
- प्रत्येक परिवार की मूलभूत आवश्यकताओं यथा स्वास्थ्य, शिक्षा रोजगार और सम्मान है, अतः प्रत्येक राज्य का यह कर्तव्य है कि सभी के लिए स्वच्छ पर्यावरण सुनिश्चित करे।
- शुभ अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस!!
लेखक : नरेन्द्र सिंह चौधरी, भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. इनके द्वारा वन एवं वन्यजीव के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किये हैं.