नई दिल्ली: भारत में डिजिटल दुनिया का एक नया दौर शुरू होने वाला है। केंद्र सरकार ने साइबर अपराधों पर लगाम कसते हुए मैसेजिंग ऐप्स के लिए ‘सिम बाइंडिंग’ नियम को अनिवार्य कर दिया है। इसका मतलब साफ है—अगर आपका फोन से सिम निकल गया या निष्क्रिय हो गया, तो WhatsApp, Telegram, Signal, Snapchat समेत कई पॉपुलर ऐप्स तुरंत बंद हो जाएंगे। यह बदलाव फरवरी 2026 से लागू होगा, और लाखों यूजर्स की डिजिटल जिंदगी पर असर डालेगा। लेकिन सवाल यह है: क्या यह सुरक्षा का कवच बनेगा या यूजर्स के लिए नई परेशानी? हमारी डीप सर्च रिपोर्ट में जानिए पूरी सच्चाई।
क्या है ‘सिम बाइंडिंग’ नियम? सरल शब्दों में समझें
दूरसंचार विभाग (DoT) ने 28 नवंबर 2025 को जारी अधिसूचना के तहत ‘Telecommunication Cybersecurity Amendment Rules, 2025’ को अपडेट किया है।ece5a3 इसके तहत मैसेजिंग ऐप्स को अब ‘Telecommunication Identifier User Entities (TIUEs)’ घोषित किया गया है। मतलब, ये ऐप्स अब टेलीकॉम नियमों के दायरे में आ गए हैं।
मुख्य प्रावधान: ऐप रजिस्ट्रेशन के समय इस्तेमाल किया गया मोबाइल नंबर हमेशा फोन में एक्टिव सिम के रूप में मौजूद रहना जरूरी होगा। सिम हटाने, बदलने या निष्क्रिय होने पर ऐप एक्सेस ब्लॉक हो जाएगा।
वेब वर्जन पर असर: WhatsApp Web या Telegram Desktop जैसे प्लेटफॉर्म्स हर 6 घंटे में ऑटो-लॉगआउट होंगे। दोबारा लॉगिन के लिए QR कोड स्कैन करना पड़ेगा।f25f8a
समय सीमा: ऐप कंपनियों को 90 दिनों में (फरवरी 2026 तक) यह सिस्टम लागू करना होगा। 120 दिनों में DoT को रिपोर्ट देनी होगी। पालन न करने पर Telecommunications Act, 2023 के तहत कार्रवाई हो सकती है।6b17f9
यह नियम पहले से बैंकिंग और UPI ऐप्स (जैसे PhonePe, Google Pay) पर लागू है, जहां सिम निष्क्रिय होने पर ट्रांजेक्शन रुक जाते हैं। अब मैसेजिंग ऐप्स पर इसे विस्तार दिया गया है।
प्रभावित ऐप्स: कौन-कौन सी सेवाएं होंगी लाइन में?
DoT ने स्पष्ट रूप से नाम लिए हैं। यहां मुख्य ऐप्स की लिस्ट:
ऐप का नाम
यूजर्स (भारत में अनुमानित)
मुख्य असर
50 करोड़+
सिम हटने पर चैट हिस्ट्री एक्सेस बंद; वेब पर फ्रीक्वेंट लॉगआउट।f7051b
Telegram
2.5 करोड़+
ग्रुप चैट्स और चैनल्स प्रभावित; डेस्कटॉप यूजर्स को बार-बार वेरिफाई।831571
Signal
1 करोड़+
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन वाली प्राइवेसी पर फोकस्ड ऐप; सिम बाइंडिंग से यूजर ट्रेसिंग आसान।
Snapchat
50 लाख+
स्टोरीज और वीडियो शेयरिंग रुक सकती है।b6ad02
ShareChat, JioChat, Josh, Arattai
10 करोड़+ (कुल)
भारतीय ऐप्स पर ज्यादा असर; लोकल कंटेंट क्रिएटर्स प्रभावित।052a24
ये आंकड़े Statista और DoT रिपोर्ट्स पर आधारित हैं। कुल मिलाकर, भारत के 80 करोड़+ स्मार्टफोन यूजर्स में से कम से कम 60% मैसेजिंग ऐप्स पर निर्भर हैं।
क्यों लाया गया यह नियम? साइबर फ्रॉड की बढ़ती लहर
सरकार का दावा है कि यह कदम साइबर अपराधों पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ है। वर्तमान सिस्टम में ऐप्स सिर्फ एक बार OTP से वेरिफाई करते हैं, उसके बाद सिम हटाने या विदेश ले जाने पर भी ऐप चलता रहता है।13dce1
समस्या की जड़: साइबर क्रिमिनल्स (ज्यादातर विदेश से) भारतीय नंबर्स का इस्तेमाल कर फिशिंग, ‘डिजिटल अरेस्ट’ स्कैम, लोन फ्रॉड और इनवेस्टमेंट घोटालों को अंजाम देते हैं। NCRB डेटा के मुताबिक, 2024 में साइबर फ्रॉड से 1.2 लाख करोड़ का नुकसान हुआ, जिसमें 40% मैसेजिंग ऐप्स से जुड़े थे।ca1845
फायदा: सिम बाइंडिंग से यूजर, नंबर और डिवाइस का लिंक मजबूत होगा। पुलिस को कॉल रिकॉर्ड्स और लोकेशन से ट्रेसिंग आसान हो जाएगी। Cellular Operators Association of India (COAI) ने इसका स्वागत किया है, कहा कि इससे स्पैम 70% तक कम हो सकता है।8b9628
X (पूर्व ट्विटर) पर भी यूजर्स चर्चा कर रहे हैं। एक पोस्ट में यूजर @him_an_shu_ ने लिखा, “अब WhatsApp तभी चलेगा जब आपके फोन में वही सिम लगी हो। साइबर फ्रॉड रोकने का अच्छा कदम!”d17367 वहीं, @OpIndia_in ने इसे “DoT का साइबर फ्रॉड पर कड़ा प्रहार” बताया।b6aa51
यूजर्स पर क्या असर? सुविधा बनींगी दुविधा?
हालांकि सुरक्षा बढ़ेगी, लेकिन आम यूजर को चुनौतियां मिलेंगी:
ट्रैवलर्स और एक्सपैट्स: विदेश यात्रा पर सिम हटाने पर ऐप बंद। e-SIM यूजर्स को भी फिजिकल सिम जैसी वेरिफिकेशन करनी पड़ सकती है। Gulf News की रिपोर्ट में कहा गया, “एक्सपैट्स को अब भारतीय सिम हमेशा साथ रखनी होगी।”954043
ड्यूल-सिम यूजर्स: दूसरी सिम लगाने पर प्राइमरी ऐप बंद हो सकता है।
बुजुर्ग/ग्रामीण यूजर्स: सिम निष्क्रिय होने पर री-रजिस्ट्रेशन की झंझट।
वेब यूजर्स: ऑफिस वर्कर्स को दिन में कई बार QR स्कैन करना पड़ेगा।
X पर @GoodNewsToday ने चेतावनी दी, “सिम कार्ड के बिना इन ऐप्स को इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।”7f05c9 एक अन्य पोस्ट में @news24tvchannel ने हेडलाइन दी, “सिम हटाने पर ऐप बंद हो जाएंगे।”467c79
कंपनियों की प्रतिक्रिया: समर्थन और विरोध का मिश्रण
समर्थन: COAI ने कहा, “यह यूजर और डिवाइस के बीच मजबूत लिंक बनेगा।”2d8b9c Truecaller जैसी कंपनियों ने पहले ही सिम बाइंडिंग अपनाई, जिससे फेक अकाउंट्स 70% कम हुए।349b58
विरोध: Broadband India Forum (BIF), जिसमें Meta (WhatsApp) और Google शामिल हैं, ने इसे “ओवररीच” बताया। कहा, “यह डिजिटल बिजनेस को प्रभावित करेगा; स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन जरूरी।”5d8977 साइबर एक्सपर्ट्स का मानना है कि फ्रॉडस्टर्स फेक ID से नई सिम ले लेंगे, तो फायदा सीमित।b54335
WhatsApp और Telegram ने अभी आधिकारिक बयान नहीं दिया, लेकिन इंडस्ट्री सोर्सेज के मुताबिक, वे 90 दिनों में अपडेट रोलआउट करेंगे।


