- ग्राम्य विकास विभाग, उत्तराखण्ड प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड–2025 से सम्मानित
- हाउस ऑफ हिमालयाज पहल तथा मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना हेतु विभाग को मिला यह सम्मान
देहरादून : उत्तराखंड के ग्राम्य विकास विभाग ने हाल ही में दो प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड जीतकर राज्य का गौरव बढ़ाया है। यह उपलब्धि, विभाग की निदेशक आईएएस झरना कमठान के अथक प्रयासों और दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम है। ये पुरस्कार ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ (House of Himalayas) और ‘मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना’ (Mukhyamantri Udyamshala Yojana) में विभाग के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रदान किए गए हैं। नई दिल्ली में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में ये सम्मान प्रदान किए गए। ग्राम्य विकास विभाग, उत्तराखण्ड को हाउस ऑफ हिमालयाज और मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना–रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया है।
ग्राम्य विकास विभाग, उत्तराखण्ड को हाउस ऑफ हिमालयाज और मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना–रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान 20 सितम्बर 2025 को इंण्डिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह के दौरान प्रदान किया गया, जिसमें विभागीय कार्यों को प्रमुख विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और प्रतिष्ठित कार्यकर्ताओं द्वारा सराहा गया।
स्कॉच अवार्ड भारत में सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए किए गए अभिनव प्रयासों को मान्यता प्रदान करता है। इस अवार्ड की शुरुआत वर्ष 2003 में की गई थी और तब से यह पुरस्कार देश के उन विभागों, संस्थाओं और परियोजनाओं को दिया जाता रहा है, जिन्होंने डिजिटल, वित्तीय और सामाजिक समावेशन के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान किया हो। इस अवार्ड को उद्योग जगत के दिग्गज, विद्वान, टेक्नोक्रेट्स, महिला नेता और जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले कार्यकर्ता प्राप्त कर चुके हैं।
यह सम्मान 20 सितम्बर 2025 को इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख व्यक्तियों, नीति निर्माताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। स्कॉच अवार्ड राष्ट्रीय स्तर पर सुशासन, नवाचार और विकास के क्षेत्र में बेहतरीन कार्यों को पहचान देने वाला एक प्रतिष्ठित सम्मान है। आईएएस झरना कमठान के मार्गदर्शन में, ग्राम्य विकास विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सशक्तिकरण और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं, जिनकी राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई है।
स्कॉच अवार्ड भारत में सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए किए गए अभिनव प्रयासों को मान्यता प्रदान करने वाला एक महत्वपूर्ण पुरस्कार है। इसकी स्थापना वर्ष 2003 में की गई थी, और तब से यह पुरस्कार उन संस्थानों, विभागों और विशेष परियोजनाओं को दिया जाता है, जो डिजिटल, वित्तीय और सामाजिक समावेशन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हों। इस बार, ग्राम्य विकास विभाग को समुदाय–केन्द्रित विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में किए गए प्रयासों हेतु सम्मानित किया गया।
हाउस ऑफ हिमालयाज पहल के अंतर्गत, पर्वतीय क्षेत्रों की महिला स्वयं सहायता समूहों और स्थानीय किसानों द्वारा तैयार उत्पादों को ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग की सुविधा प्रदान की जा रही है। इस पहल ने न केवल उत्तराखण्ड के पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है, बल्कि स्थानीय समुदाय की आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि की है। राज्य सरकार के इस अभिनव पहल हेतु ग्राम्य विकास विभाग को स्कॉच अवार्ड–2025 से सम्मानित किया गया।
दूसरी ओर, ग्राम्य विकास विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा राज्य में उद्यमिता विकास हेतु संचालित मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना के तहत युवाओं को स्वरोज़गार और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान किए गए। इस योजना के उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु भी स्कॉच अवार्ड–2025 प्रदान किया गया। यह योजना राज्य के ग्रामीण युवाओं को आधुनिक तकनीकी, उद्यमशीलता और व्यवसायिक प्रबंधन का प्रशिक्षण तथा प्रशिक्षण उपरांत स्वरोजगार में बढ़ावा दिए जाने हेतु समस्त प्रकार से सहायता प्रदान करती है ताकि राज्य में अधिकाधिक स्वरोजगार उपलब्ध कराया जा सके एवं पलायन को कम किया जा सके।
इस सम्मान पर राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई, ग्राम्य विकास की परियोजना समन्वयक एवं अपर सचिव ग्राम्य विकास झरना कमठान द्वारा प्राप्त किया गया। इस अवसर पर राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई, ग्राम्य विकास के मुख्य विकास अधिकारी डॉ. प्रमोद बेनीवाल, गोविन्द धामी, तथा गुलजारन कुमार , हाउस ऑफ़ हिमालयास से प्रेरणा ध्यानी भी मौजूद रहे।
‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ – ग्रामीण उत्पादों का वैश्विक मंच
‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ योजना का उद्देश्य उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों, जैसे हस्तशिल्प, कृषि उत्पाद, और पारंपरिक वस्तुओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाना है। इस पहल के तहत उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिससे ग्रामीण कारीगरों और उत्पादकों को एक मजबूत बाजार उपलब्ध हो सके। इस योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति प्रदान की है और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाई है। हाउस ऑफ हिमालयाज पहल के अंतर्गत, पर्वतीय क्षेत्रों की महिला स्वयं सहायता समूहों और स्थानीय किसानों द्वारा तैयार उत्पादों को ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग की सुविधा प्रदान की जा रही है। इस पहल ने न केवल उत्तराखण्ड के पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है, बल्कि स्थानीय समुदाय की आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि की है।
‘मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना’ – स्वरोजगार को मिला बल
वहीं, ‘मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना’ ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने पर केंद्रित है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को उद्यम स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाता है। विभाग ने इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से बड़ी संख्या में ग्रामीण उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनने में मदद की है, जिससे पलायन रोकने और स्थानीय रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण सफलता मिली है।
ग्राम्य विकास विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा राज्य में उद्यमिता विकास हेतु नवाचार के रूप में संचालित मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना भी युवाओं को स्वरोजगार और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करती है। राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई, ग्राम्य विकास विभाग, उत्तराखण्ड को स्कॉच अवार्ड–2025 प्रदत्त किया गया। इस प्रकार ग्राम्य विकास विभाग को इस वर्ष 02 स्कॉच अवार्ड प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना के तहत ग्रामीण युवाओं को आधुनिक तकनीकी, उद्यमशीलता और व्यवसायिक प्रबंधन का प्रशिक्षण तथा प्रशिक्षण उपरांत स्वरोजगार बढ़ावा दिया जा सके इसके लिए योजना के तहत समस्त प्रकार का सहयोग एवं सहायता उपलब्ध करायी जाती है ताकि राज्य में अधिकाधिक स्वरोजगार उपलब्ध कराया जा सके एवं पलायन को कम किया जा सके।
इस अवसर पर, आईएएस झरना कमठान ने कहा, “यह पुरस्कार हमारी टीम के सामूहिक प्रयासों और ग्रामीण उत्तराखंड को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हम मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप, राज्य के हर गांव तक विकास की रोशनी पहुंचाने और ग्रामीण समुदायों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए आगे भी इसी समर्पण के साथ काम करते रहेंगे।”
इस अवसर पर हाउस ऑफ हिमालयाज की प्रबंध निदेशक तथा राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई की परियोजना समन्वयक एवं अपर सचिव ग्राम्य विकास झरना कमठान ने कहा कि यह सम्मान विभाग द्वारा किए गए अभिनव प्रयासों और समुदाय–केंद्रित विकास रणनीतियों की सराहना है। उन्होंने कहा, कि ग्राम्य विकास का लक्ष्य केवल अवसंरचना विकास नहीं है, बल्कि एक ऐसा मॉडल प्रस्तुत करना है जो अन्य राज्यों के लिए प्रेरणास्रोत बने। उन्होंने बताया कि यह पुरस्कार ग्राम्य विकास विभाग द्वारा राज्य में किए जा रहे अभिनव प्रयासों की मान्यता है और यह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
इस समारोह में राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई, ग्राम्य विकास के मुख्य विकास अधिकारी, डॉ. प्रमोद बैनर्जी भी उपस्थित रहे। जिन्होंने इस उपलब्धि को ग्राम्य विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया और कहा कि यह पुरस्कार न केवल विभाग के लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए गौरव की बात है, क्योंकि इससे राज्य में ग्राम्य विकास कार्यों को नई पहचान और नई दिशा मिली है।


