रूडकी / हरिद्वार : पूरे विश्व में कोरोना महामारी के चलते कई मौतें हो रही है और बहुत लोग इसके संक्रमण में आ रहे हैं । सब लोगों को अपनी जिंदगी का डर सता रहा है । तो वहीँ शिक्षक कोरोना जंग में शिद्दत से ड्यूटी कर रहे है । कोरोना महामारी का सामना कर रहे हैं । जरा सी असावधानी उनकी जान जोखिम में डाल सकती है। परिवार की जान जोखिम में डाल सकती है। पर वह ऐसे मुश्किल समय में भी डटे हैं।
जी हाँ आज हम एक ऐसे ही कोरोना योद्धा राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुल्तानपुर साबतवाली विकासखंड रुड़की में तैनात सहायक अध्यापक सुरेश पाल सिंह की बात की बात कर रहे है. कोरोना महामारी के चलते अचानक लगे लॉकडाउन में आम आदमी को थोड़ी परेशानी तो हुई है । लेकिन लोगो की मदद के लिए शिक्षको के द्वारा लगातार अपने दायित्व का निर्वहन किया जा रहा है जिससे आम जनमानस का जीवन भी सामान्य तरीके से चलता रहे।
सहायक अध्यापक सुरेश पाल सिंह के पिता इस समय एक हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड में भर्ती है लेकिन शिक्षक के द्वारा कोरोना वायरस से जंग में पूरी ईमानदारी से ड्यूटी की जा रही है. आपको बताते चले कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुल्तानपुर साबतवाली विकासखंड रुड़की में तैनात सहायक अध्यापक सुरेशपाल सिंह कोरोना संक्रमण में बाहरी राज्यों से आये व्यक्तियों की राजकीय संयुक्त चिकित्सालय रुड़की में सूची बनाने में लगे हैं. ऐसे में सहायक अध्यापक सुरेशपाल सिंह अन्य लोगो के लिए प्रेरणास्त्रोत बने हुए. सुरेशपाल सिंह के पिता ब्रह्मपाल सिंह इस समय जिन्दगी मौत से लड़ रहे है लेकिन इस दुख की घड़ी में भी सहायक अध्यापक वैश्विक महामारी में देश के सेवा में अपने दायित्व को निभा रहे है.
सहायक अध्यापक सुरेश पाल सिंह इस वैश्विक महामारी में अपने पिता की चिंता के साथ साथ देश की चिंता कर ड्यूटी पर तैनात है. कोरोना महामारी में आम जनता को सहायता की आवश्यकता है जिसे सुरेशपाल सिंह जैसे शिक्षक बखूबी निभा रहे है । वर्तमान समय में पूरा विश्व कोरोना संक्रमण से जुझ रहा है। और हमारा देश व प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। ऐसे समय में हर किसी को मदद के लिए आगे आना होगा तभी इस महामारी से लड़ा जा सकता है। हम सभी का नैतिक दायित्व है कि वह इस महामारी में सरकार का सहयोग करें ।
Discussion about this post