posted on : मार्च 5, 2022 3:55 अपराह्न
उत्तरकाशी (कीर्तिनिधी सजवाण): उत्साह एवं उमंग का प्रतीक पर्व लोसर मेला आज रिंगाली देवी के मंदिर के प्रांगण में विशेष पूजा अर्चना व घरों में धर्म ध्वजारोहण के साथ अपने चरम बिंदु पर पहुंचकर समाप्ति की तरह बढ़ जाता है। मेले की शुरुआत दिवाली के साथ होती है। दूसरा दिन सभी को बधाइयां और शुभकामनाएं देते हैं। तीसरा दिन में विवाहित पुत्रियों का होता है । इस दिन मायके पक्ष के लोग अपनी पुत्री दामादों को अपने घर पर न्योता देकर बुलाते हैं। विवाहित पुत्रियां अपने पितृपक्ष की समृद्धि एवं खुशहाली की प्रार्थना करती हैं। चौथे दिनभोटिया समुदाय के लोग अपने घरों में अपनी परंपरा अनुसार पुराने झंडों को उतारकर मंत्र लिखे झंडे चढ़ाते हैं। इन झंडों में रंग-बिरंगे घ्वज भारतीय ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के महत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। और ऐसा माना जाता है कि जितना ध्वज हवा में लहराता है। उससे अंकित मंत्र वातावरण में उपस्थित ग्रहों के दुष्प्रभावों को उतना ही कम करते हैं और शांति प्रदान करते हैं। वहीं दूसरी ओर जाड़ समुदाय के लोग रिंगाली देवी के मंदिर में एकत्रित होकर रिंगाली देवी की पूजा हरियाली व प्रसाद देकर पूजा अर्चना करते हैं। पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाओं के द्वारा माता के भजनों के द्वारा माहौल को भक्तिमय बना दिया। साथ ही माता की रासो व तांदी नृत्य करते हैं। जाड़ समुदाय के लोगों ने अपने घरों में माता की धर्म पताका लगये। मेला समस्त विश्व में, समद्धि व सुख शांति की मंगल कामना के साथ समाप्त होता है।इस मौके पर पूर्व प्रधान नारायण सिंह नेगी, जसपाल राणा, भगवान सिंह राणा, एसडीएम बंसी राणा, गोपाल सिंह नेगी, गोपाल सिंह भंडारी, पूर्व प्रधान उर्मिला नेगी आदि मौजूद थे।