पीलीभीत : टिकट कटने के बाद वरुण गांधी ने पहली बार एक पत्र में अपने मन की बात लिखी है। वरूण गांधी ने पीलीभीत की जनता के नाम पत्र लिखा है। इस पत्र में वरूण गांधी ने अपने राजनीतिक सफर के बारे में लिख है। उन्होने लिखा कि एक सांसद के तौर पर मेरा कार्यकाल भले ही समाप्त हो रहा है, लेकिन पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं होगा। पीलीभीत वासियों को मेरा प्रणाम! आज जब मैं यह पत्र लिख रहा हूं, तो अनगिनत यादों ने मुझे भावुक कर दिया है। मुझे वो 3 साल का बच्चा याद आ रहा है जो अपनी मां की उंगली पकड़कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया था, उसे कहां पता था कि एक दिन यह धरती उसकी कर्मभूमि और यहां के लोग उसका परिवार बन जाएंगे।
उन्होनें लिखा कि मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे वर्षों पीलीभीत की महान जनता की सेवा करने का मौका मिला। आपका प्रतिनिधि होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है। और मैंने हमेशा अपनी पूरी क्षमता से आपके हितों की आवाज उठाई है। एक सांसद के तौर पर मेरा कार्यकाल भले ही समाप्त हो रहा है, लेकिन पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं होगा। सांसद के रूप में नहीं तो बेटे के तौर पर सही, मैं आजीवन आपकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध हूं और मेरे दरवाजे आपके लिए हमेशा पहले जैसे ही खुले रहेंगे। मैं राजनीति में आम आदमी की आवाज उठाने आया था और आज आपसे यही आशीर्वाद मांगता हू कि सदैव यह कार्य करता रहूं, भले ही उसकी कोई कीमत चुकानी पड़े।