बड़कोट/उत्तरकाशी: रवांल्टी भाषा आंदोलन सफल होता नजर आ रहा है। यह सफलता लोगों के भीतर अपनी भाषा में लिखने के प्रयास के रूप में सामने आ रही है। हालांकि, अभी यह शुरूआती दौर है, लेकिन यह उम्मीद जरूर जगाता है। इसी भाषा आंदोलन में अब लोग भी अपना योगदान देने लगे हैं। पिछले कुछ समय में शादी के कार्ड लोग अपनी दुधबोली (भाषा) में छपवा रहे हैं। ऐसे दो शादियों के कार्ड इन दिनों सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहे हैं। इन कार्डों को शेयर कर लोग एक-दूसरे को प्रेरित करने का काम कर रहे हैं। अगर ऐसे ही सभी लोग जागरूक होकर अपनी भाषा को संरक्षित करने का काम करते रहे, तो आने वाली पीढ़ी को हम अपनी लोक भाषा की समृद्ध विरासत सौंप पाएंगे।
सरनोल गांव निवासी तरवीन राणा ने अपनी शादी का कार्ड रवांल्टी में छापा है। खास बात यह है कि उन्होंने अपने गांव में बोले जाने वाले शब्दों का भी खूब प्रयोग किया है। कार्ड को पढ़कर लोग सकारात्मक प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। उनके इस काम की सराहना भी कर रहे हैं। दूसरा कार्ड नगांणगांव निवासी जगदीप चौहान की शादी का है। जगदीप चौहान ने भी लोक भाषा रवांल्टी में अपनी शादी का कार्ड छापा है। देखते ही देखते उनकी शादी का कार्ड सोशल मीडिया में वायरल होने लगा है। इससे पहले सुनारा गांव की एक शादी का कार्ड पिछले दिनों रवांल्टी में छापा गया था। वह भी खूब वायरल हुआ था। लोग इन दोनों कोर्डों से सीख लेने की बात कर रह हैं कि सभी को इसी तरह से अपनी लोक भाषा को संरक्षित करने में भूमिका निभानी चाहिए। लोक भाषा को संरक्षित और संवर्द्धित करना हम सभी की जिम्मेदारी है।