posted on : सितम्बर 15, 2021 8:47 पूर्वाह्न
कोटद्वार : उत्तराखण्ड विकास पार्टी के उपाध्यक्ष राजपाल सिंह रावत ने वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए और उत्तराखंड में मूल निवासियों की हो रही उपेक्षा को देखते हुए मूल निवास लागू करने की मांग की है। उत्तराखंड विकास पार्टी के उपाध्यक्ष राजपाल सिंह रावत ने कहा कि राष्ट्रीय पार्टियों ने धीरे-धीरे उत्तराखंड की राज्य की मूल अवधारणा की बुनियादों को बदलना शुरू कर दिया है, जो कि आगे चल कर पहाड़ की संस्कृति व समाज को खत्म कर देगा। राष्ट्रीय पार्टिया उत्तराखंड की भाषा, संस्कृति व समाज को खत्म कर देना चाहती है जिसके लिए वह बंदूक नहीं शासनादेशों का इस्तेमाल कर हमारी अस्मिता के साथ खिलवाड़ कर रही है। इसीलिए भारतीय जनता पार्टी ने मूल निवास खत्म किया । साथ ही साथ राज्य में पर्वतीय आरक्षण भी खत्म हो गया, जो कि गढ़वाली कुमाउँनी व जौनसारी संस्कृति को नष्ट करने का द्योतक है। साथ ही राज्य लोक सेवा आयोग में गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषा की अनिवार्यता को खत्म किया गया। यह खेदपूर्ण है और हम भाजपा के ऐसे हर कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना का मूल ही गढ़वाली, कुमाउँनी और जौनसारी समाज को बचाना था और जिसको इस समाज का विरोध करना है वह इस राज्य से बाहर जा सकता है। मगर इस राज्य में रहने के लिए उसे इन भाषाओं समाज व संस्कृति का सम्मान करना ही पड़ेगा। यह प्रदेश राष्ट्रीय पार्टियों के उस परिपाठी समर्थन नहीं करता जो कि इस प्रदेश को ही गाली देकर राष्ट्रीय पार्टी में आदरणीय और प्रशंसनीय रहते हैं । उन्होंने कहा कि हमारी चुप्पी और सहनशीलता को हमारा लाटापन समझा जा रहा है , इस बात को बदलने की अब सख्त जरूरत है। जिसकी शुरुआत मूल निवास लागू करने से की जानी चाहिए। साथ ही पर्वतीय आरक्षण लागू किया जाना चाहिए।