गुरूवार, दिसम्बर 18, 2025
  • Advertise with us
  • Contact Us
  • Donate
  • Ourteam
  • About Us
  • E-Paper
  • Video
liveskgnews
Advertisement
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स
No Result
View All Result
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स
No Result
View All Result
liveskgnews
18th दिसम्बर 2025
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स

केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने सतत वन प्रबंधन के एक साधन के रूप में जंगल की आग की रोकथाम, आग के बाद वनों की बहाली और वन प्रमाणन के महत्व पर दिया जोर

वनों पर संयुक्त राष्ट्र फोरम (यूएनएफएफ) में 40 देशों और 20 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से 80 से अधिक प्रतिनिधि ले रहे हैं भाग

शेयर करें !
posted on : अक्टूबर 26, 2023 9:13 अपराह्न

देहरादून : केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन तथा श्रम और रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव ने सतत वन प्रबंधन के लिए एक साधन के रूप में जंगल की आग की रोकथाम, आग के बाद की बहाली और वन प्रमाणन के महत्व पर जोर दिया। वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई), देहरादून में आयोजित वनों पर संयुक्त राष्ट्र फोरम (यूएनएफएफ) में अपने वीडियो संदेश में मंत्री भूपेन्द्र यादव ने जोर देते हुए कहा कि जंगल की आग न केवल वनस्पतियों और जीवों को अपूरणीय क्षति पहुंचाती है, बल्कि वन क्षेत्र के आस-पास रहने वाले समुदायों की आजीविका को भी प्रभावित करती है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि वनों के स्‍थायित्‍व को बढ़ावा देने के लिए वन प्रमाणन एक महत्वपूर्ण साधन है, जो विकासशील देशों में छोटे पैमाने के उत्पादकों के लिए विशेष रूप से कई चुनौतियाँ प्रस्तुत करता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी राष्ट्रीय वन प्रमाणन योजना शुरू की है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से एक सतत भविष्य, जो समान, न्यायसंगत और सुदृढ़ हो, के निर्माण के लिए काम करने का आह्वान किया।

उत्तराखंड सरकार के वन, भाषा और तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने आज अपने संबोधन में सभी सम्‍मानीय प्रतिनिधियों का “देवभूमि”, उत्तराखंड में स्वागत किया। अपने संबोधन में उन्होंने राज्य की पहलों और कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला और कहा कि जंगल की आग की घटनाओं में कमी लाने के लिए, वन क्षेत्र के करीब रहने वाले समुदायों को सशक्त बनाना और उन्हें वन विभागों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करना एक ऐसी रणनीति रही है जिसे सफलता मिली है। उन्होंने पुष्टि करते हुए कहा कि वन निगरानी की एक व्‍यवस्‍था होने के नाते, वन प्रमाणन भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है और यह वैश्विक वन लक्ष्यों के अंतर्गत विशेष ध्‍यान का केन्‍द्र बिन्‍दु है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पारंपरिक ज्ञान, प्रौद्योगिकी नवाचार और सामुदायिक भागीदारी के तौर-तरीकों के बारे में विचारों के आदान-प्रदान से सभी को लाभ होगा।

यूएनएफएफ की निदेशक जूलियट बियाओ कौडेनौकपो ने कहा कि जंगल की आग का मुद्दा एक वैश्विक चिंता के रूप में गंभीर होता जा रहा है और इकोसिस्‍टम तथा समुदायों पर इनका हानिकारक प्रभाव, इस समस्‍या के समाधान की कार्रवाई को अनिवार्य बनाता है। सीएलआई के लिए दूसरा विषय वन प्रमाणन है, जो लंबे समय से चला आ रहा है। ये दोनों मुद्दें चर्चा के स्थायी विषय रहे हैं और इनका व्यावहारिक समाधान अब समय की मांग है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इकोसिस्‍टम पर जंगल की आग का प्रभाव अब और अधिक गंभीर हो गया है। उन्‍होंने कई हितधारकों की चुनौतियों और आगामी नियमों का उल्लेख किया और कहा कि इनपर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस सीएलआई का परिणाम बहुत महत्वपूर्ण है और यूएनएफएफ 19 के लिए कार्रवाई तथा सिफारिशों से जुड़े क्षेत्रों की पहचान करने की सामूहिक क्षमता में ही हमारी सफलता निहित होगी।

भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 26 से 28 अक्टूबर 2023 तक देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) में वनों पर संयुक्त राष्ट्र फोरम (यूएनएफएफ) की मेजबानी के लिए पहल की है। खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और अंतर्राष्ट्रीय वन अनुसंधान संगठन (आईयूएफआरओ) के साथ-साथ भारत के प्रतिनिधियों तथा संगठनों सहित 40 देशों और 20 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के 80 से अधिक प्रतिनिधि व्यक्तिगत और ऑनलाइन दोनों रूप से कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। इस कार्यक्रम ने विश्व भर में सहभागिता को सक्षम बनाने के लिए एक मिश्रित, वास्तविक और ऑनलाइन प्रारूप अपनाया है।

यह ‘देश के नेतृत्‍व में पहल’ (कंट्री लेड इनिशिएटिव, सीएलआई) दो विषयगत क्षेत्रों: जंगल की आग/दावानलों और अग्नि प्रभावित क्षेत्रों में इसकी रोकथाम तथा बहाली पर सर्वोत्तम प्रक्रियाओं और वन प्रमाणन तथा सतत वन प्रबंधन पर केंद्रित है। जंगल की आग/दावानल जैव विविधता, इकोसिस्‍टम सेवाओं, मानव कल्याण, आजीविका और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं पर गहरा प्रभाव डालती है। हाल के वर्षों में, जंगल की आग/दावानलों के परिमाण और अवधि में वृद्धि हुई है। तदनुसार, इसकी रोकथाम, इसके प्रभावों को कम करने और प्रभावित भूमि की बहाली पर स्थानीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग तथा कार्रवाई बढ़ाने की आवश्यकता है।

हाल के वर्षों में वन प्रमाणीनकरण पर निरंतर वैश्विक ध्यान बढ़ रहा है। 2020 और 2021 के बीच, प्रमाणित वन क्षेत्र में 27 मिलियन हेक्टेयर की वृद्धि हुई है, जिसमें मुख्य भूमिका यूरोप और उत्तरी अमेरिका की रही। यद्पि, विकासशील देशों और सीमांत वन प्रबंधकों को प्रमाणन प्रक्रिया में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस फोरम का उद्देश्य इन पहलुओं और व्यापार नियमों के साथ प्रमाणन प्रणालियों को संयोजित करने के पहलू पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।

इस फोरम में विषयगत क्षेत्रों पर दो दिनों के आदान-प्रदान की योजना बनाई गई है और गर्म होती दुनिया में आग के साथ कैसे रहना है, एकीकृत अग्नि प्रबंधन के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक नीतियां, हाल में विकसित ग्लोबल फायर मैनेजमेंट हब का सर्वोत्तम उपयोग कैसे करें और वन प्रमाणन तथा सतत वन प्रबंधन पर सत्रों के आयोजन किए जाएंगे। चर्चा के बाद प्रत्येक दिन के अंत में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे और तीसरे दिन राजाजी राष्ट्रीय उद्यान का भ्रमण कराया जाएगा।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के महानिदेशक ने प्रतिनिधियों के साथ वैश्विक वानिकी से संबंधित मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने में इन बैठकों में सीएलआई और विचार-विमर्श के महत्व को साझा किया। उन्होंने जंगल की आग/दावानलों से जुड़े मुद्दों और सार्वजनिक स्वास्थ्य, आर्थिक कार्यकलाप और वन जैव विविधता पर इसके नकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत के वर्तमान परिदृश्य के बारे में भी चर्चा की, जहां 62 प्रतिशत से अधिक राज्य उच्च-तीव्रता वाले जंगल की आग से प्रभावित हैं और कैसे भारत ने अपने जंगल की आग निगरानी प्रणाली और आग पूर्वानुमान मॉडल में उल्लेखनीय सुधार किया है। उन्होंने प्रतिभागियों के साथ देश के प्रस्तावित वैश्विक सहयोग यानी गांधीनगर कार्यान्वयन रोडमैप और गांधीनगर सूचना मंच को साझा किया, जो जंगल की आग की बहाली और अवक्रमित भूमि के खनन से निपटने के लिए किए गए जी-20 विचार-विमर्श का निष्कर्ष था।

फोरम की बैठक में आज जंगल की आग/दावानलों की रोकथाम बढ़ाने वाली नीतियों और वैश्विक वन प्रबंधन केंद्र पर विभिन्न पैनल चर्चाएं हुईं। न्यूजीलैंड, मेडागास्कर, कोलंबिया, मोरक्को, भारत, पुर्तगाल, मलावी, बोत्सवाना, रूस, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, एफएओ, यूएनईपी, आईटीटीओ और आईयूएफआरओ सहित विभिन्न देशों त‍था अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने पैनलिस्ट के रूप में भाग लिया। इसके बाद कई अन्य देशों और संगठनों ने सामुदायिक भागीदारी की भूमिका सहित रोकथाम और प्रभावी प्रबंधन पर अपने विचार एवं सुझाव व्यक्त किए।

फोरम गुरुवार, 27 अक्टूबर, 2023 को दक्षिण अफ्रीका, रूस और भारत की देश-विशिष्ट प्रस्तुतियों के साथ वन प्रमाणन और सतत वन प्रबंधन पर परस्पर वार्ता के एक दौर को कवर करेगा। फोरम का परिणाम सह-अध्यक्षों द्वारा की गई चर्चाओं का सारांश होगा, जिसे विचार के लिए यूएनएफएफ के 19वें सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा। यूएनएफएफ-19 का आयोजन मई 2024 में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में किया जाएगा।

https://liveskgnews.com/wp-content/uploads/2025/11/Video-60-sec-UKRajat-jayanti.mp4
https://liveskgnews.com/wp-content/uploads/2025/09/WhatsApp-Video-2025-09-15-at-11.50.09-PM.mp4

हाल के पोस्ट

  • सड़क दुर्घटना पीड़ितों को 1.5 लाख तक कैशलेस इलाज, मदद करने वालों को 25,000 इनाम
  • डैफोडिल पब्लिक स्कूल ने स्पर्श गंगा अभियान के अंतर्गत मालन नदी कण्वाश्रम में चलाया स्वच्छता अभियान
  • अग्निवीर के शहीद परिवार को पेंशन से वंचित करने पर हाईकोर्ट सख्त, केंद्र से मांगा जवाब
  • विराट कोहली और अनुष्का शर्मा ने तीसरी बार लिया प्रेमानंद जी महाराज का आशीर्वाद
  • बड़ी कार्रवाई : ट्रांसपोर्ट से 1.32 करोड़ रुपये के 43,950 नशीले इंजेक्शन बरामद, आरोपी फरार
  • मुख्यमंत्री धामी ने स्वरोजगार योजना के तहत 3848 लाभार्थियों को वितरित किए 33.22 करोड़ रुपये
  • उत्तराखंड में मौसम पूर्वानुमान : ज्यादातर क्षेत्रों में रहेगा शुष्क मौसम, ऊंचाई वाले जिलों में हल्की बर्फबारी की संभावना
  • उत्तराखंड : तेज रफ्तार XUV ट्रक के नीचे घुसी, चार दोस्तों की मौके पर मौत
  • दिल्ली में सख्त प्रतिबंध लागू, बाहर के BS-6 से कम वाहनों की एंट्री बैन
  • कोटद्वार में कलालघाटी और आसपास कई लोगों को कुत्ते ने काटा, एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने वालों की लगी भीड़
liveskgnews

सेमन्या कण्वघाटी हिन्दी पाक्षिक समाचार पत्र – www.liveskgnews.com

Follow Us

  • Advertise with us
  • Contact Us
  • Donate
  • Ourteam
  • About Us
  • E-Paper
  • Video

© 2017 Maintained By liveskgnews.

No Result
View All Result
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स

© 2017 Maintained By liveskgnews.