posted on : अगस्त 6, 2021 11:54 अपराह्न
पौड़ी : उत्तराखंड के पौड़ी जिले के जहरी मल्ली ग्राम पंचायत में भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण उत्तरी क्षेत्रीय केंद्र देहरादून के सहयोग से वृक्षारोपण किया गया। यहाँ 400 अत्यधिक औषधीय पौधों को ग्रामीणों के सहयोग से लगाया गया। इस मौके पर भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के कार्यालयाध्यक्ष डॉ. एस.के. सिंह वैज्ञानिक ई, डॉ. पुनीत कुमार , डॉ. रमेश कुमार उपस्थित थे, उन्होंने उपस्थित ग्रामीणों को औषधीय पौधों से होने वाले लाभों के बारे में अवगत कराया । इस वृक्षारोपण की नींव तैयार करने का काम प्रगति रावत और मनीषा पेघवाल ने की उन्होंने इसे अपने मिशन ‘सर्वग्रीन’ की ओर पहला कदम बताया।
उत्तराखंड छोटे छोटे गाँव का प्रदेश है। यहाँ रोजगार और पलायन एक बड़ी समस्या है। जब अधिकतर युवा पहाड़ों को छोड़कर शहरों की ओर निकल पड़े हैं तब पौड़ी गढ़वाल की प्रगति और मनीषा यहाँ रहकर हरे भरे और आत्मनिर्भर गाँव का सपना देख रही हैं और इसे पूरा करने के लिए लगातार कोशिश भी कर रही हैं। भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण उत्तरी क्षेत्रीय केंद्र देहरादून के सहयोग से इन्होंने वृक्षारोपण करना तय किया । इस वृक्षारोपण की ख़ास बात है की इसमें लगाए गए पौधे अत्यधिक औषधीय हैं । प्रगति और मनीषा के हौसले और विचारों से प्रभावित होकर डॉ. एस.के. सिंह के नेतृत्व में भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण द्वारा सर्वग्रीन को 400 पौधे प्रदान किए, जिसे स्थानीय किसानों और ग्रामीणों को देकर रोपित करवाए।
सर्वग्रीन के मिशन में वृक्षारोपण के लिए 12 प्रजातियों जैसे हरड़, अर्जुन, बहेड़ा, जेट्रोपा, तेजपत्ता इत्यादि जैसे पौधे लगाने के पीछे ये सोच है कि ये पौधे भविष्य में किसान की आजीविका का साधन बनेंगे। जो भी किसान इसे लगाएगा वो इसकी भरपूर हिफ़ाज़त भी करेगा। इसलिए ये वृक्षारोपण दूसरे वृक्षारोपण से अलग था। इस वृक्षारोपण के लिए ज़हरी मल्ली ग्राम पंचायत से कुछ किसानों को चुना गया। इस ग्राम पंचायत में डंडा विनक, जहरी मल्ली, जहरी तल्ली और बघेल गाँव आते है। ये जगह राजधानी देहरादून से 105 किमी दूर और ज़िला मुख्यालय पौड़ी से 138 किमी दूर है।


