posted on : सितम्बर 16, 2024 7:23 अपराह्न
कालागढ़ । कालागढ़ में गणपति महोत्सव का भव्य समापन शोभायात्रा और भंडारे के साथ किया गया प्रतिमा विसर्जन कालागढ़ केंद्रीय कॉलोनी दुर्गा भवन में आयोजित दस दिवसीय गणपति महोत्सव का धूमधाम से समापन किया गया। गणपति प्रतिमा के विसर्जन से पूर्व पंडित विनोद ध्यानी और पंडित विनय भार्गव के सान्निध्य में हवन और पूजन की प्रक्रिया संपन्न हुई। धार्मिक अनुष्ठानों के बाद, गणपति की दोनों प्रतिमाओं को ट्रैक्टर ट्राली में विराजित कर भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
शोभायात्रा कालागढ़ की नई कॉलोनी, हाईडिल कॉलोनी, वर्क चार्ज और मुख्य बाजार से होती हुई ढोल-नगाड़ों और डीजे की धुन पर निकली। शोभायात्रा में श्रद्धालुओं ने गुलाल उड़ाकर उत्सव का उल्लास मनाया। शोभायात्रा के बाद भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर शंकर सिंघल, डॉ देवेंद्र प्रसाद, अजित कांबोज, गजेन्द्र सिंह, दीनदयाल सिंघल, राम कुमार सिंघल, राधे श्याम बंसल, मनोज बंसल सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। महिला श्रद्धालुओं में दीपा, संतोष, वर्षा, रीमा, टीना, पल्लवी, नैना, चारु, रुपा, हिमांशी , कोमल ,पूजा, शुगन जैसी अनेक महिलाएं भी मौजूद रहीं।
गणपति महोत्सव के अंतिम दिन सम्मान समारोह गणपति महोत्सव के अंतिम और नौवें दिन पंडित विनय भार्गव द्वारा प्रस्तुत किए गए भजनों और गणपति कथाओं ने श्रद्धालुओं को विशेष रूप से प्रभावित किया। श्रद्धालुओं ने उनकी भक्ति भावना और ज्ञान के प्रति आदर जताते हुए उन्हें देव चित्र भेंट कर सम्मानित किया। साथ ही, इस पूरे आयोजन के सफल संचालन के लिए पवन सिंघल, उनकी पत्नी दीपा और पुत्रियाँ चारु और नैना को भी सम्मानित किया गया। गणपति महोत्सव के इस समापन समारोह में हजारों की संख्या में श्रद्धालु, महिलाएं और पुरुष शामिल हुए।
महोत्सव के नौ दिनों में लोगों ने धार्मिक आयोजनों, भजन-कीर्तन और गणपति कथाओं का आनंद लिया और भगवान गणपति की भक्ति में लीन रहे। धार्मिक उल्लास और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक यह गणपति महोत्सव कालागढ़ में धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बना। श्रद्धालुओं ने न सिर्फ भगवान गणपति की आराधना की बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।