सहारनपुर : मानसून के आगमन के साथ, जहां एक ओर गर्मी से राहत मिलती है, वहीं दूसरी ओर यह मौसम कई बीमारियों को भी साथ लेकर आता है। विशेष रूप से डेंगू और मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों का खतरा इस मौसम में बहुत बढ़ जाता है। मैक्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, देहरादून ने मानसून से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम, लक्षणों और समय पर इलाज के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया।
डॉ. दिव्य गर्ग, कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, मैक्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, देहरादून ने इन बीमारियों और उनके लक्षणों के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर ज़ोर दिया और विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि “डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है, जो दिन में काटता है। वहीं एनाफिलीज मच्छर के काटने से मलेरिया फैलता है, जो रात में अधिक सक्रिय रहता है। डेंगू और मलेरिया दोनों ही समय पर इलाज न मिलने पर गंभीर रूप ले सकते हैं। बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, ठंड लगना, त्वचा पर चकत्ते आना, उल्टी या कमजोरी जैसे लक्षण इन बीमारियों के संकेत हो सकते हैं।“
डॉ. दिव्य गर्ग ने बताया कि “इन बीमारियों को गंभीर होने से रोकने के लिए शुरूवाती लक्षणों में ही इलाज कराना बहुत जरूरी है, डेंगू के मामलों में कोई विशेष एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है, इसलिए उपचार मुख्य रूप से लक्षण संबंधित देखभाल पर आधारित होता है, जिसमें शरीर को हाइड्रेट रखना, पर्याप्त आराम और प्लेटलेट की नियमित जांच शामिल होती है। यदि स्थिति गंभीर हो जाए तो मरीज को अस्पताल में भर्ती कर, आईवी फ्लूइड्स या प्लेटलेट चढ़ाने की आवश्यकता पड़ सकती है।”
डॉ. गर्ग ने कहा कि मानसून के दौरान पानी जमा होने की समस्या आम है, जो मच्छरों के पनपने का सबसे बड़ा कारण बनती है। खुले स्थानों में जमा पानी जैसे कूलर, गमले, टायर, या छत पर रखे ड्रम मच्छरों के लिए अंडे देने के लिए सबसे आदर्श जगह होती है। अतः यह आवश्यक है कि ऐसे सभी स्थानों की नियमित सफाई की जाए और पानी जमा न होने दिया जाए। संक्रमण से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें, फुल बाजू के कपड़े पहनें और घर के आसपास सफाई रखें।
मैक्स हॉस्पिटल द्वारा चलाए जा रहे इस जनजागरूकता अभियान का उद्देश्य लोगों को समय रहते सावधानी बरतने व प्रारंभिक लक्षणों को पहचानने के लिए प्रेरित करना है, ताकि समय पर मेडिकल हेल्प ली जा सके, ताकि इन बीमारियों को फैलने से रोका जा सके और मानसून का यह मौसम स्वास्थ्यपूर्ण व खुशनुमा तरीके से बीते।


