देहरादून: जिले में शिक्षा माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर रातों-रात कई मुकदमे दर्ज किए गए हैं। यह कार्रवाई उन किताब विक्रेताओं और प्रकाशकों के खिलाफ की गई है, जो जीएसटी चोरी, फर्जी प्रकाशन और आईएसबीएन नंबरों की गड़बड़ी में लिप्त थे।
शिक्षा माफियाओं पर शिकंजा
डीएम सविनय बंसल की सख्ती के चलते उन प्रमुख किताब विक्रेताओं पर शिकंजा कसा गया है, जिनकी स्कूलों से मिलीभगत की लगातार शिकायतें अभिभावकों द्वारा की जा रही थीं। इन दुकानों से अभिभावकों को अनावश्यक महंगी किताबें और स्टेशनरी खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा था।
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इन पर मुकदमा दर्ज
जांच में जीएसटी चोरी और फर्जी प्रकाशन से जुड़े दस्तावेज सामने आने के बाद प्रशासन ने यूनिवर्सल बुक डिपो, नेशनल बुक डिपो और ब्रदर पुस्तक भंडार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए इनके खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
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अब बड़े निजी स्कूल भी रडार पर
डीएम बंसल ने स्पष्ट कर दिया है कि यह कार्रवाई सिर्फ शुरुआत है। अब प्रशासन की नजर उन बड़े निजी स्कूलों पर भी है, जो किताब विक्रेताओं के साथ गठजोड़ कर छात्रों और अभिभावकों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डाल रहे हैं। इस मामले में आगे और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
प्रशासन का कड़ा संदेश
इस कार्रवाई के बाद शिक्षा माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि शिक्षा के नाम पर किसी भी प्रकार की लूटखसोट बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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अभिभावकों ने इस कदम का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता आएगी तथा अनैतिक व्यापार पर रोक लगेगी। प्रशासन अब इस मामले में और कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।


