कोटद्वार । बैंक कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर दो दिवसीय हड़ताल पर हैं। हड़ताल का सबसे बड़ा कारण सरकार की घोषणा है, जिसमें सरकार ने आइडीबीआइ बैंक के अलावा दो अन्य सरकारी बैंकों के निजीकरण करने की बात कही है। बैंक यूनियनें निजीकरण का विरोध कर रही हैं। इसी के चलते यूनियन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा के बाहर एकत्रित होकर धरना प्रदर्शन कर रही है ।
यूनियन पदाधिकारियों का आरोप है कि निजीकरण का प्रभाव न केवल कर्मचारियों बल्कि उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा। वर्तमान में देश में 12 सरकारी बैंक हैं, अगर दो बैंकों का निजीकरण कर दिया जाएगा तो यह दस रह जाएंगे। इसलिए सार्वजनिक बैंकों का विलय न हो, ऐसी मांग को लेकर आज प्रदर्शन हो रहा है। सरकार बैंकों का निजीकरण कर बैंकों को चंद पूंजीपतियों के हाथ में दे रही है । निजी बैंकों द्वारा उच्च दरों पर सेवा शुल्क वसूलने का बोझ भी देश की जनता पर पड़ेगा । बैंक कर्मियों की नौकरी सुरक्षित नहीं रह पाएगी । इसलिए हमारी सरकार से मांग है कि जनहित में देश के बैंकों का निजीकरण ना किया जाए ।साथ ही उन्होंने दो दिवसीय हड़ताल के लिए जनता से भी माफी मांगी ।


