कोटद्वार (गौरव गोदियाल): अभी कोरोना का प्रकोप खत्म भी नहीं हुआ था कि बर्ड फ्लू प्रारंभ होने के चलते शहर में हड़कंप मचा हुआ है ।शहर के विभिन्न इलाकों में चिकन की बिक्री भी घट गई है। पहले जहां 160 से 200 रुपये किलो में चिकन बिकता था तो वहीं अब 150 रुपये किलो बेचने पर भी ग्राहक नहीं लेने नहीं आ रहे।
कहीं न कहीं लोगों के मन में बर्ड फ्लू को लेकर भय व्याप्त है। शहर में करीब 40 फीसदी मुर्गा की बिक्री घट गई है। मीट मार्केट गाड़ी घाट तिराहा, देवी रोड स्थित मच्छी बाजार, रेलवे रोड, नजीबाबाद रोड, काशीरामपुर पर अधिकतर मुर्गा की दुकानों पर सन्नाटा पसरने लगा है। अधिकतर लोग अब होटलों में भी मुर्गा खाने से परहेज कर रहे हैं । जिसके चलते अब बाजारों में मछली की मांग बढ़ने लगी है । अगर स्थिति जल्द काबू में नहीं आई तो एक अनुमान के मुताबिक जिंदा मुर्गा 30 से 40 रुपए और मांस 100 रुपए प्रति किलो से नीचे आ सकते हैं।
मीट मार्केट निवासी मीट विक्रेता अकरम ने बताया कि बर्ड फ्लू फैलने संबंधी खबरें आने के बाद, मुर्गे की बिक्री कम से कम 30 प्रतिशत कम हो गई है।” उन्होंने कहा, “हम इस बात को समझते हैं कि ग्राहक घबरा जाते हैं और सावधानी के तौर पर मुर्गों की खरीदारी बंद कर देते हैं, लेकिन यह जानना महत्वपूर्ण है कि यदि मांस को अच्छे से पकाया जाए, तो स्वास्थ्य को कोई खतरा नहीं होता ।
कोटद्वार के भाबर में “पाल मीट शॉप” के मालिक ने कहा कि शहर में बर्ड फ्लू का डर फैलने के बाद से “हर दिन मंगलवार हो गया है”। उन्होंने कहा, “बर्ड फ्लू के कारण हमारी बिक्री पर बहुत असर पड़ा है। ऐसा लग रहा है कि हर दिन मंगलवार बन गया है। मंगलवार को लोग अमूमन मांस नहीं खाते हैं, इसलिए हम उस दिन दुकानें बंद रखते हैं ।
क्या होता है बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू कई तरह के होते हैं लेकिन एच-5 एन-1 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस है जो इंसानों को संक्रमित करता है। बर्ड फ्लू प्रवासी जलीय पक्षियों खासतौर से जंगली बतख से फैलता है। ये पालतू मुर्गियों में आसानी से फैल जाता है। ये बीमारी संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव, मुंह के लार या आंखों से निकलने वाली पानी के संपर्क में आने से होती है। संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले जानवर और इंसान इस वायरस से आसानी से संक्रमित हो जाते हैं।
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