रुड़की : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की), एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम), और एमडीएस इंडोकैन ने संयुक्त रूप से शिक्षाविदों, उद्योग और व्यावसायीकरण क्षेत्रों से प्रतिभाओं को 20 अप्रैल, 2023 को कार्यशाला “इंडियाज़ जी 20 प्रेसीडेंसी: रोल ऑफ़ स्टार्टअप्स, एम एस एम ईज़ एंड कॉर्पोरेट्स फॉर आत्मनिर्भर भारत” के माध्यम से एक साथ लाने के लिए एक नई पहल की है। आईआईटी रुड़की के समृद्ध और विविध अनुसंधान/शैक्षणिक वातावरण और उपलब्ध युवा प्रतिभाओं के पूल को एक पेशेवर दृष्टिकोण के साथ पोषित करने की आवश्यकता है ताकि आईआईटी रुड़की में शुरू की जा रही परियोजनाओं से अंतत: एक स्टार्टअप या एक लघु उद्योग को बढ़ावा मिले। सहारनपुर एक संभावित बाज़ार और उद्योग केंद्र होने के नाते, एसआरई परिसर में यह कार्यशाला प्रो. के.के. पंत, निदेशक, आईआईटी रुड़की, की इस दृष्टि और लक्ष्य को उत्प्रेरित करेगा। कार्यशाला में उद्योग और शिक्षा जगत के प्रतिष्ठित कर्मी उपस्थित रहे।
एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने इस कार्यशाला के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं और आईआईटी रुड़की और एमएसएमई क्षेत्रों की समृद्धि के लिए यूपी मंत्रालय के माध्यम से अपने हर संभव समर्थन का आश्वासन दिया। निदेशक आईओसीएल फरीदाबाद ने भी इस कार्यशाला में भाग लिया और आईआईटी रुड़की और एमएसएमई क्षेत्रों को हर संभव तरीके से समर्थन देने की इच्छा व्यक्त की।सहारनपुर कैंपस के डीन डॉ सुजय चट्टोपाध्याय ने कहा, “इस कार्यशाला ने स्टार्टअप और एमएसएमई क्षेत्रों के बीच घनिष्ठ संपर्क का एक खुला मंच स्थापित किया है और सभी क्षेत्रों के तेजी से विकास के लिए उन्हें कॉर्पोरेट और सरकारी तंत्र से जोड़ा है।“
डॉ. सुब्रोकमल दत्ता, राजनीतिक आर्थिक और विदेश नीति विशेषज्ञ ने कहा, “भारत के जी20 अध्यक्षता के कार्यकाल में स्टार्टअप्स, एमएसएमई और कॉर्पोरेट क्षेत्रों और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका पर केंद्रित यह कार्यशाला सभी क्षेत्रों को एक साथ लाएगी और निर्यात को जबरदस्त बढ़ावा देगी और भविष्य के लिए मानचित्र प्रदान करेगी। भारत सरकार की नई शिक्षा नीति बच्चों के लिए खुली शिक्षा को बढ़ावा देती है और उद्यमिता के प्रति युवा मन की खोज को प्रोत्साहित करती है। इसलिए, आईआईटी रुड़की के लिए इस तरह की गतिविधि को प्रोत्साहित करने और आईआईटी रुड़की और विभिन्न उद्योग क्षेत्रों की समृद्धि के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने का यह सही अवसर है।“
पवन अग्रवाल, संयुक्त निर्यात आयुक्त, यूपी सरकार ने कहा, “यह साझा मंच बातचीत, विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और भविष्य के लिए एक रोड मैप स्थापित करने में मदद करेगा। आईआईटी रुड़की खुली चर्चा को प्रोत्साहित करने, विचारों का आदान-प्रदान करने और सभी हितधारकों को उनकी समृद्धि के लिए समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड के निदेशक (आरएंडडी) डॉ. एसएसवी रामकुमार ने कहा, आईओसीएल एक कॉर्पोरेट दिग्गज है जो भारत में एमएसएमई क्षेत्रों के विकास को सुविधाजनक बनाने हेतु लगातार प्रयासरत है। आईओसीएल की कई पहलों ने नौकरी के नए अवसर पैदा करने और लागत में कमी लाने में आईओसीएल और एमएसएमई दोनों क्षेत्रों को पारस्परिक रूप से लाभान्वित किया है। उन्होंने इस कार्यशाला के माध्यम से इस अनूठी पहल के लिए आईआईटीआर और एमडीएस इंडोकैन को बधाई दी।
कार्यशाला के बारे में बात करते हुए आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर केके पंत ने कहा, “आईआईटी रुड़की, एमएसएमई (माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज, एमएसएमई) की यह पहल वैश्विक वास्तुकला और शासन को आकार देने और मजबूत करने के लिए भारत के जी20 प्रेसीडेंसी कार्यकाल के दौरान एमडीएस इंडोकैन ओटावा कनाडा के सहयोग से की जा रही है। आईआईटी रुड़की की समृद्ध और विविध शोध सुविधाएं, युवा प्रतिभाएं और संस्कृति विभिन्न क्षेत्रों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर सकती हैं और उन्हें वैश्विक बाजार के लिए तैयार कर सकती हैं।” यह कार्यशाला एमएसएमई क्षेत्रों की क्षमता और हमारे देश के भावी उद्यमियों के रूप में वंचित महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जा रहे विभिन्न प्रोत्साहनों के बारे में जागरूकता लाएगी।


