तीर्थयात्रियों का विवरण इस तरह है-
- श्री बदरीनाथ धाम तीर्थयात्री Nil, पहले से रूके हुए तीर्थयात्री दर्शन को पंहुचे।
- श्री केदारनाथ धाम – तीर्थयात्री Nil ( खराब मौसम से/ हेलीकाप्टर सेवा बाधित ) पहले से रूके तीर्थयात्रियों ने मंदिर में दर्शन किये।
- श्री गंगोत्री धाम- nil
- श्री यमुनोत्री धाम- 2381
आज कुल तीर्थयात्रियों की संख्या 2381
दिनांक 1-17 अक्टूबर को हैलीकाप्टर से केदारनाथ पहुंचे तीर्थ यात्री – 13697
चारधाम से संबंधित महत्त्वपूर्ण बिंदु
- उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर पर स्थायी रोक नहीं है यात्रा को अभी तक आज के लिए स्थगित किया गया है।
- दिनांक 17-18 एवं आज 19 अक्टूबर को मौसम विभाग की भारी बारिश चेतावनी को देखते हुए तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर चारधाम जाने हेतु रोक लगायी गयी थी जोकि मौसम सामान्य होने पर हटने की उम्मीद है।
- श्री बदरीनाथ श्री केदारनाथ धाम, श्री गंगोत्री धाम में मौसम की स्थिति एवं राष्ट्रीय राजमार्ग के अवरूद्ध होने से तीर्थयात्री नहीं पहुंच सके है लेकिन यमुनोत्री धाम में यात्रा को जिला प्रशासन ने बहाल कर दिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा लगातार प्रदेश के हालात की समीक्षा की जा रही है। मुख्य सचिव एस. एस संधू ने प्रशासनिक तंत्र को सक्रिय किया। मुख्यमंत्री के अलावा आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने प्रदेश के आपदा प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया उनके साथ डीजीपी अशोक कुमार भी रहे। पर्यटन-धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि मौसम सामान्य होने पर चारधाम यात्रा फिर सुचारू हो जायेगी। धर्मस्व सचिव हरिचंद्र सेमवाल ने कहा कि चारों धामों में ब्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए है। प्रदेश के आपदा प्रबंधन तंत्र को संक्रिय किया गया आपदा प्रबंधन सचिव एस.ए.मुरूगेशन ने एडवाइजरी जारी की ।
आयुक्त गढ़वाल गढ़वाल / मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड रविनाथ रमन ने अवगत कराया कि ऋषिकेश में चारधाम यात्रा सहायता हेतु हेल्प डेस्क कार्यकर रहे है। साथ ही कोविड जांच केद्र भी खुला हुआ है। देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी. डी. सिंह केदारनाथ धाम में रहकर ब्यवस्था की मानिटरिंग कर रहे है। जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आर राजेश ने जिले के ऋषिकेश यात्रा पड़ाव पर यात्रियों को सहायता निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पांडेय द्वारा चारधाम तीर्थयात्रियों की किसी भी परेशानी पर सहायता हेतु निर्देश जारी किये हैं। चारधाम तीर्थयात्रियों को होटल धर्मशालाओं में आवास हेतु 10 से 15 फीसदी की रियायत मिल सकेगी। जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित ने बताया कि यमुनोत्री धाम की यात्रा आज प्रात: से शुरू हो गयी है अभी तक दो हजार से अधिक तीर्थयात्री यमुनोत्री पहुंचे है। यात्रा मजिस्ट्रेट /उपजिलाधिकारी बड़कोट शालिनी नेगी ने श्री यमुनोत्री यात्रा ब्यवस्थाओं का जायजा लिया।
श्री गंगोत्री धाम एवं यमुनोत्री धाम के यात्रा पड़ावों पर यात्रा मजिस्ट्रेटों के साथ नोडल अधिकारी तैनात किए गये है जोकि तीर्थयात्रियों को किसी भी परेशानी यथा आवास/ भोजन/ चिकित्सा सुविधा में मदद करेंगे।हेल्प नंबर भी दिये जा रहे हैं।सुक्खी टाप में अवरूद्ध गंगोत्री मार्ग को सुचारू किया जा रहा है उत्तरकाशी आपदा प्रबंधन केंद्र से मिली जानकारी में बताया गया कि कुछ समय में मार्ग खुल जायेगा।यमुनोत्री मंदिर से मुख्य पुजारी संदीप शास्त्री ने बताया कि यमुनोत्री मंदिर में तीर्थयात्री दर्शन कर रहे हैं। जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग श्री मनुज गोयल के निर्देश पर गढ़वाल मंडल विकास निगम, एनडीआरएफ, पुलिस, चिकित्सा विभाग सहित जिला प्रशासन ने केदारनाथ मार्ग पर तीर्थयात्रियों के लिए सोनप्रयाग, गौरीकुंड, लिंचोली, केदारनाथ बेस केंप आवास /भोजन, चिकित्सा ब्यवस्था की है। फिलहाल तीर्थयात्रियों को रोका गया है उपजिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने यह जानकारी दी।
श्री बदरीनाथ धाम में जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना के निर्देश पर यात्रा मजिस्ट्रेट / उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी तीर्थयात्रियों की परेशानियों का त्वरित निराकरण कर रही है कहा कि बाधित सड़क मार्ग को सुचारू किया जा रहा है। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों को देवस्थानम बोर्ड द्वारा यथासंभव मदद की जा रही है। चारधाम यात्रा हेतुअब http:// smartcitydehradun.uk.gov.in में तीर्थयात्री सीधे पंजीकरण करवा सकते हैं। देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर ई पास बनाने की आवश्यकता नहीं है।
यात्रा वर्ष 2021 उत्तराखंड के चारो धामों के कपाट बंद होने की तिथियां निम्न है
- श्री बदरीनाथ -20 नवंबर
- श्री केदारनाथ – 6 नवंबर
- यमुनोत्री -6 नवंबर
- श्री गंगोत्री -5 नवंबर
पंच केदार
- श्री मद्महेश्वर जी 22 नवंबर
- श्री मद्महेश्वर मेला 25 नवंबर
- श्री तुंगनाथ जी 30 अक्टूबर
- श्री रूद्रनाथ जी के कपाट 17 अक्टूबर ब्रह्ममुहुर्त में शीतकाल हेतु बंद हो गये हैं।
- श्री हेमकुंड साहिब के कपाट 10 अक्टूबर को बंद हो गये हैं।