जोशीमठ (चमोली)। बदरीनाथ हाईवे पर लामबगड़ भूस्लखन क्षेत्र का सुधारीकरण कार्य कर रही कंपनी पर स्थानीय वन पंचायत के पदाधिकारियों ने नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया है। वन पंचायत के पदधिकारियों ने मामले में प्रशासन से स्थलीय निरीक्षण कर कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग भी उठाई है।
बता दें कि बदरीनाथ हाईवे पर लामबगड़ भूस्खलन क्षेत्र में दो दशक पूर्व से हो रहे भूस्लखन जोन के सुधारीकरण का जिम्मा सरकार की ओर से मेकाफेरी कंपनी को सौंपा गया है। जिसके लिये बीते वर्षों से कम्पनी की ओर से यहां निर्माण कार्य किया जा रहा है। लेकिन अब यहां कम्पनी की ओर भरान के लिये पहाड़ी के सक्रीय भूस्खलन वाले हिस्से को खोदा जा रहा है। जिसका का ग्रामीणों और वन पंचायत पदाधिकारियों ने विरोध किया है। वन पंचायत सरपंच महेंद्र सिंह चैहान, धर्मेन्द्र सिंह और तेजेन्द्र सिंह का कहना है कि कम्पनी की निर्माणदायी एजेंसियों की ओर से यहां पहाड़ी के सुधारीकरण के बजाय खुदाई की जा रही है। जिससे पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित ग्रामीणों की 25 नाली से अधिक नाप तथा दो हैक्टेयर से अधिक वन पंचायत भूमि खतरे की जद में आ गई है। कहा कि कई बार कम्पनी प्रबंधन के अधिकारियों से वार्ता के बाद भी यहां स्थिति जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की मांग उठाई है।
क्या कहते है अधिकाकरी
लामबगड़ भूस्खलन जोन में हो रहे सुधारीकरण कार्य के लिये नियम निर्धारित किया गये हैं। यदि निर्माणदायी कंपनी अथवा एजेंसी की ओर से नियमों की अनदेखी की जा रही है। तो इसे दिखवाया जाएगा और नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
अनिल चन्याल, उपजिलाधिकारी, जोशीमठ।
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