चमोली । बुग्यालों को रहे नुकसान से बचाने के लिए चमोली जिले के बुग्यालों के संरक्षण और संवर्द्धन को लेकर बदरीनाथ वन प्रभाग की ओर से कवायद शुरु कर दी है। विभागीय अधिकारियों की माने तो बुग्याल संरक्षण एवं सवर्द्धन के तहत किये जा रहे कार्यों से आगामी एक से डेढ वर्ष में बुग्याल क्षेत्रों में भूस्खलन रोकने, नई घास पैदा करने से लेकर बुग्याली क्षेत्र की घास को नुकसान पहुंचाने वाली वनस्पति पोलीगोनम और लैंटाना का उन्मूलन किया जाएगा। जिससे बुग्यालों में हो रहे भूकटाव और अन्य नुकसान पर प्रभावी रोक लग सकेगी।
बता दें कि चमोली जिले के वन क्षेत्रों में बड़ा हिस्सा बुग्याल क्षेत्र का है। लेकिन लम्बे समय से जल निकासी की सुचारु व्यवस्था न होने से कटाव और बुग्यालों को नुकसान पहुंचने वाले वनस्पति का प्रसार हो रहा है। जिससे वेदनी सहित अन्य बुग्यालों में दरारें पड़ने जैसी घटनाएं समाने आ रही हैं। जिसे देखते हुए अब बदरीनाथ वन प्रभाग की ओर से कैट प्लान के तहत 85 लाख की लागत से जिले के सप्तकुंड, सिम्बे, भुना, बिस्तोली, पलवारा, चाम्मे, ढुंगा, वेदनी, आली, बागजी और नवाली बुग्यालों के संरक्षण व संवर्द्धन की योजना तैयार की है। विभागीय अधिकारियों की योजना के अनुसार बुग्याल क्षेत्रों में प्लान के तहत जल निकासी व्यवस्था करने के साथ ही चैक डेम निर्माण, पोलीगोनम और लैंटाना जैसी वनस्पतियों के उन्मूलन के कार्य करवाये जाएंगे। इसके साथ ही भू-धंसाव व कटाव वाले जियो जूट की मदद से घास रोपण कर बुग्यालों का संरक्षण व संवर्द्धन किया जाएगा। इसके साथ ही बुग्यालों में मवेशियों चरान और चुगान पर निगरानी के लिये केटल गार्ड की तैनाती भी की जाएगी। साथ ही बुग्याल के ट्रैकिंग मार्गों पर भी सुरक्षात्मक कार्य करवाये जाएंगे।
चमोली जिले में स्थित 11 बुग्यालों के संरक्षण के लिये कैट प्लान से योजना तैयार की गई है। जिससे विभिन्न सुरात्मक कार्यों के जरिये बुग्यालों का संरक्षण व सवंर्द्धन किया जाएगा। कुछ स्थानों पर सुधारीकरण कार्य शुरु कर दिये गये हैं। जल्द ही अन्य स्थानों पर भी कार्य शुरु करवा दिये जाएंगे।
आशुतोष कुमार, डीएफओ, बदरीनाथ वन प्रभाग, गोपेश्वर-चमोली।