posted on : मई 4, 2024 4:59 अपराह्न
कोटद्वार । राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार के अंग्रेजी विभाग ने सेमिनार आयोजित किया । जिसका विषय भारतीय नारीवादी उपन्यासकार था। सेमिनार में अंग्रेजी विभाग के पीजी कक्षाओं के 45 छात्र, छात्राओ ने प्रतिभाग किया । जिसमें उन्होंने अपने द्वारा किए गए लघुशोधों पर आधारित पेपर को पीपीटी द्वारा प्रस्तुत किया गया। सेमिनार की अध्यक्षता प्राचार्य प्रोफेसर जानकी पवार ने की जिसमें उन्होंने छात्र छात्राओं को महिला सशक्तिकरण पर प्रकाश डालते हुए बोला कि एक शिक्षित महिला अपने आसपास की अन्य महिलाओं को शिक्षा को बढ़ावा देकर उनका मार्गदर्शन करती है और अपने बच्चो के लिए मार्गदर्शक भी बनती है । वह एक पत्नी, मां, गृहणी, मित्र, शिक्षिका एवं नर्स की भूमिकाओं में पूरे परिवार का ख्याल रखती है ।
सेमिनार के मुख्य अतिथि डॉ किशोर सिंह चौहान,असिस्टेंट प्रोफेसर भूगोल, ने कहा कि महिला पुरुषों में समानता को प्राथमिकता देने से पूरे भारत में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला है यह जरूरी है कि महिलाएं शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से मजबूत हो । महिलाओं के उत्थान के लिए एक स्वस्थ परिवार की जरूरत है जो राष्ट्र के सर्वागीर्ण विकास के लिए आवश्यक है। सेमिनार की कनवीनर डॉ वंदना चौहान, अंग्रेजी विभाग प्रभारी ने कहा कि भारतीय मूल की महिला लेखकों ने महिलाओं की आर्थिक, मानसिक, सामाजिक स्थितियों पर बेहद खूबसूरती से लिख कर चित्रण कर पूरे विश्व पटल पर प्रस्तुत किया है जिससे उन्होंने विश्व स्तरीय ख्याति प्राप्त की है । भारतीय मूल की उपन्यासकार जैसे अनिता देसाई, अरुंधती रॉय, झुंपा लाहिरी, भारती मुखर्जी ने अपनी अपनी किताबों से नारीवाद की एक वृहत परिभाषा को गड़ा, जो हमें नारीवाद को समझने में बेहद मददगार साबित होती है ।
सेमिनार में उपस्थित डॉ अमित गौड ने कहा कि इस तरह की सेमिनार से छात्र – छात्राओं में व्यक्तित्व का विकास होता है तथा अपने भाव प्रकट करने की क्षमता बड़ जाती है । कार्यक्रम के संचालक डॉ सोमेश ढौंडियाल ने नारी उदय तथा नारी शक्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्तराखंड की स्थापना, विकास एवं स्थायित्व में महिलाओं का मुख्य योगदान रहा है । नारीवाद की शक्ति पर बात करते हुए कहा कि खास तौर पर उत्तराखंड के अर्थव्यवस्था, राजनीति तथा स्थायित्व में नारियों का मुख्य स्थान रहा है।