देवाल (चमोली)। चमोली जिले के सुदूरवर्ती विकास खंड देवाल के वाण गांव स्थित हिमालय की अराध्या मां नंदा देवी के धर्म भाई लाटू देवता के मंदिर के कपाट सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर परंपरागत पूजा विधान के साथ कपाट बंद हो गये। सैकड़ों की तादात में पहुंच श्रद्धालुओं ने पूजा विधान में भाग लिया।
बता दें कि प्रति वर्ष वाण स्थित प्रसिद्ध लाटू देवता के कपाट बैसाख मास की पूर्णिमासी के दिन आम श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखंड के चार धामों की तरह ही खोले जाते हैं। हालांकि मुख्य गुप्त गर्भगृह को बैसाख पूर्णिमा के दिन चंद समय के लिए ही खोला जाता हैं। इस दौरान लाटू देवता के एक पुजारी गर्भगृह में अपनी आंखों पर पट्टी बांध कर पूजा-अर्चना करने के बाद उसके कपाट को बंद कर दिया जाता हैं। सदियों से यह परम्परा चली आ रही हैं। जबकि इसके बहार के दूसरे कपाट को आम श्रद्धालुओं के दर्शनों एवं पूजा-अर्चना के लिए खूले रखा जाता हैं। बद्री-केदार के कपाटों के बाद होने के बाद लाटू देवता के कपाट कार्तिक पूर्णिमा के दिन आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं। इसके तहत सोमवार को कार्तिक पूर्णिमासी लाटू धाम के कपाट बंद हो गये है।
लाटू देवता के मुख्य पुजारी खीम सिंह बिष्ट, नंदा भगवती के मुख्य पुजारी दिवान सिंह बिष्ट एवं दानू देवता के मुख्य पुजारी गब्बर सिंह दानू ने बताया कि शुभ लग्नानुसार पूर्णमासी के दिन 11.30 बजे विधि-विधान के साथ लाटू, नंदा देवी, दानू देवताओं के साथ ही अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना के साथ कपाट को आगामी छह माह के लिए बंद कर कर दिये गये है। अगले वर्ष बैसाख पूर्णिमासी के दिन एक बार पुनः कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ एवं पूजा-अर्चना के लिए खोले जाएंगे। इस मौके पर थराली की विधायक मुन्नी देवी शाह के साथ ही अन्य भक्तों ने भी पूजा विधान में भाग लिया। वहीं भारी संख्या में गांवों की दिशा ध्याणियों (बहु बेटियों) के साथ ही बहारी क्षेत्रों के श्रद्धांलुओं ने भी कपाट बंद होने की प्रक्रिया में भाग लिया। इस अवसर पर हाट कल्याणी के जिला पंचायत सदस्य कृष्णा सिंह, भाजपा के जिला उपाध्यक्ष नंदी कुनियाल, उमेश मिश्रा, केडी मिश्रा, एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष संदीप नेगी आदि मौजूद थे।
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