गुरूवार, सितम्बर 18, 2025
  • Advertise with us
  • Contact Us
  • Donate
  • Ourteam
  • About Us
  • E-Paper
  • Video
liveskgnews
Advertisement
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स
No Result
View All Result
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स
No Result
View All Result
liveskgnews
18th सितम्बर 2025
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स

जानें जगन्नाथपुरी मंदिर में भगवान कृष्ण और राधा से जुडा रहस्य!

शेयर करें !
posted on : जनवरी 7, 2023 2:46 पूर्वाह्न

जगन्नाथ पुरी : हर मनुष्य के लिए आश्चर्य का विषय है कि जगन्नाथ पुरी के मंदिर में भगवान कृष्ण के साथ राधा क्यों नहीं हैं और दूसरा, तीनों भाई बहन की आंखें इतनी फैली हुई क्यों हैं? इस विषय में एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा इस प्रकार है। एक बार माता यशोदा माता देवकी के साथ द्वारका पधारीं। वहां कृष्ण की रानियों ने माताओं से कृष्ण के बचपन की लीलाओं का वर्णन करने का अनुरोध किया। उनके साथ बहन सुभद्रा भी थीं। माता यशोदा ने कहा कि वह उन्हें कृष्ण तथा उनकी गोपियों की लीलाएं तो सुना देंगी पर ये कथा कृष्ण और बलराम के कानों तक नहीं पहुंचनी चाहिए। सुभद्रा द्वार पर पहरा देने के लिए तैयार हो गई।

माता ने लीलाओं का गान शुरू किया। भगवान की लीला का रसपान करने में सब अपनी सुध-बुध खो बैठे। सुभद्रा को भी पता नहीं चला कि कब भगवान श्री कृष्ण और बलराम वहां आ गए और उनके साथ ही कथा का आनन्द लेने लगे। बचपन की मधुर लीलाओं को सुनते सुनते उनकी आंखें फैलने लगीं। सुभद्रा की भी यही दशा हुई वह आनंदित हो कर पिघलने लगीं। उसी समय श्री नारदजी वहां पधारे। किसी के आने का अहसास होते ही कथा रुक गई। नारदजी भगवान संग बलराम और सुभद्रा के ऐसे रूप को देखकर मोहित हो गए। वह बोले-भगवन् ! आपका यह रूप बहुत सुंदर है । आप इस रूप में सामान्य जन को भी दर्शन दे। तब भगवान कृष्ण ने कहा कि कलयुग में वह इस रूप में अवतरित होंगे। जगन्नाथ पुरी में भगवान का यही विग्रह मौजूद है जिसमें वह अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ हैं। परंतु यह विग्रह भी आधा अधूरा सा क्यों है इसके पीछे भी एक पौराणिक कथा है।

इस मंदिर के उद्गम से जुड़ी परंपरागत कथा के अनुसार, भगवान जगन्नाथ की इंद्रनील या नीलमणि से निर्मित मूल मूर्ति एक वृक्ष के नीचे मिली थी। यह इतनी चकाचौंध करने वाली थी कि धर्म ने इसे पृथ्वी के नीचे छुपाना चाहा। मालवा नरेश इंद्रद्युम्न को स्वप्न में यही मूर्ति दिखाई दी थी। तब उसने कड़ी तपस्या की और तब भगवान विष्णु ने उसे बताया कि वह पुरी के समुद्र तट पर जाये और उसे एक दारु (लकड़ी) का लठ्ठा मिलेगा। उसी लकड़ी से वह मूर्ति का निर्माण कराये। राजा ने ऐसा ही किया और उसे लकड़ी का लठ्ठा मिल भी गया। उसके बाद राजा को विष्णु और विश्वकर्मा बढ़ई कारीगर और मूर्तिकार के रूप में उसके सामने उपस्थित हुए। किंतु उन्होंने यह शर्त रखी कि वे एक माह में मूर्ति तैयार कर देंगे। परन्तु तब तक वह एक कमरे में बंद रहेंगे और राजा या कोई भी उस कमरे के अंदर नहीं आए।
माह के अंतिम दिन जब कई दिनों तक कोई भी आवाज नहीं आयी तो उत्सुकता वश राजा ने कमरे में झांका और वह वृद्ध कारीगर द्वार खोलकर बाहर आ गया और राजा से कहा कि मूर्तियां अभी अपूर्ण हैं, उनके हाथ अभी नहीं बने थे। राजा के अफसोस करने पर मूर्तिकार ने बताया कि यह सब दैववश हुआ है और यह मूर्तियां ऐसे ही स्थापित होकर पूजी जायेंगीं। तब वही तीनों जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां मंदिर में स्थापित की गयीं।

https://liveskgnews.com/wp-content/uploads/2025/08/Video-1-Naye-Sapne.mp4
https://liveskgnews.com/wp-content/uploads/2025/09/WhatsApp-Video-2025-09-15-at-11.50.09-PM.mp4

हाल के पोस्ट

  • दवाईयां-मेडिकल सहायता लेकर सहस्त्रधारा पहुँची एसजीआरआर यूनिवर्सिटी एवं श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की टीम
  • श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल केे विशेषज्ञों ने बढ़ाई “स्वस्थ नारीःसशक्त परिवार अभियान” की गति, प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिवस पर महिला स्वास्थ्य को समर्पित विशेष पहल
  • एसजीआरआरयू में विशेषज्ञों ने दिखाई पर्वतीय खेती में खुशहाली की राह, उत्तराखण्ड में औषधीय व सुगंधित पौधों की खेती में अपार संभावनाएँ
  • जागरूकता व प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग से ओजोन परत संरक्षण संभव है – प्रो. रजवार
  • देहरादून में भारी से अति भारी वर्षा का रेड अलर्ट, जिले में 18 सितंबर को सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र रहेंगे बंद
  • श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में हिंदी दिवस का आयोजन
  • आपदा प्रभावित क्षेत्रों में ग्राउंड जीरो पर पहुंचे डीएम सविन बंसल, रेस्क्यू टीम ने 70 लोगों को सुरक्षित निकाला
  • उत्तराखंड की शिल्पी अरोड़ा ने रचा इतिहास, कृभको बोर्ड में निर्वाचित होने वाली बनीं पहली महिला निदेशक
  • ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक फार्मेसी में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई विश्वकर्मा जयंती
  • राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म ‘चलो जीते हैं’ देहरादून में विशेष पुनः-रिलीज़ के लिए तैयार, प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर ‘साइलेंट हीरोज़’ को मिलेगा सम्मान, फिल्म ‘चलो जीते हैं’ की विशेष स्क्रीनिंग के बाद होगा आयोजन
liveskgnews

सेमन्या कण्वघाटी हिन्दी पाक्षिक समाचार पत्र – www.liveskgnews.com

Follow Us

  • Advertise with us
  • Contact Us
  • Donate
  • Ourteam
  • About Us
  • E-Paper
  • Video

© 2017 Maintained By liveskgnews.

No Result
View All Result
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स

© 2017 Maintained By liveskgnews.