29 अप्रैल प्रात: खुलेंगे श्री केदारनाथ धाम के कपाट
केदारनाथ / गौरीकुंड / रुद्रप्रयाग । उत्तराखंड के चार धामों में एक श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है इसी क्रम में भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली आज गौरीकुंड से भीमबली होते हुए देर शाम लिंचोली पहुंची है। भीमबली से आगे बर्फ के ग्लेशियरों को काट कर रास्ता बनाया गया है इसी बर्फीले रास्ते से होते हुए हक-हकूकधारी एवं देवस्थानम बोर्ड के कर्मचारी भगवान केदारनाथ की पंच मुखी डोली को श्री केदारनाथ धाम पहुंचा रहे है। कल सादगीपूर्वक पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ सड़क मार्ग से गौरीकुंड पहुंची थी। आज प्रात: गौरामाई मंदिर गौरीकुंड से पंचमुखी डोली अगले पड़ाव लिंचोली के लिए रवाना हुई।
पंचमुखी डोली के श्री केदारनाथ धाम पहुंचने के उपरांत 29 अप्रैल को प्रात: 6 बजकर 10 मिनट पर श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुल जायेगे जबकि 15 मई को प्रात: 4.30 पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। पर्यटन -धर्मस्व मंत्री सतपाल जी महाराज ने कहा है कि श्री बदरीनाथ-केदारनाथ धामों में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की ओर से कपाट खुलने के बाद प्रथम पूजा की जायेगी तथा देश एवं विश्व कल्याण तथा आरोग्यता की कामना की जायेगी।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि कल 26 अप्रैल अक्षय तृतीया पर श्री गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुल गये हैं। कोरोना महामारी के संकट के चलते धामों के कपाट खुल रहे हैं लेकिन श्रद्धालुओं को आने की अनुमति नहीं है। देवस्थानम बोर्ड से जुड़े मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट खुलने की प्रक्रियाओं में शारीरिक दूरी का ध्यान रखा जा रहा है तो मास्क पहनने एवं साफ-सफाई पर जोर दिया जा रहा है। श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलते समय बहुत कम लोग मौजूद रहेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग उखीमठ में 14 दिन के क्वारंटाईन में है उनकी कोरोना जांच की पहली रिपोर्ट नैगैटिव आ चुकी है। फिर भी ऐहतियातन वह केदारनाथ धाम नहीं गये हैं उनके प्रतिनिधि के तौर पर मुख्य पुजारी कपाट खुलने की प्रक्रिया पूरी करेंगे।
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