चमोली । चमोली जिले में स्थित पंच केदारों में से चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम में इस बार शीतकाल में हुई बर्फवारी के चलते अभी तक पैदल मार्ग सुचारु नहीं हो पाया है। ऐसे में निर्धारित 18 मई को उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित मंदिर के कपाट खोलने को लेकर हक-हकूकधारियों में चिंता गहराने लगी है। हक-हकूकधारियों और समिति के पदाधिकारियों ने केदारनाथ वन प्रभाग के अधिकारियों से पैदल मार्ग को सुचारु करने की मांग उठाई है। वहीं वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बजट न होने से मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य शुरु नहीं हो सका है।
बता दें कि पंचकेदारों में एक चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 18 मई को खोले जाने हैं। लेकिन यात्रा के पैदल मार्ग का 10 किलोमीटर हिस्सा अभी बर्फ से ढका हुआ है। वहीं यात्रा मार्ग केदारनाथ वन प्रभाग के संरक्षित वन क्षेत्र में होने के चलते अन्य विभाग की ओर से मार्ग को सुचारु नहीं किया जा सकता है। ऐसे में जहां वन विभाग के अधिकारी बजट की कमी का रोना रो रहे हैं। वहीं समय बीतने के साथ ही परम्परा के अनुसार निर्धारित तिथि को कपाट खोलने को लेकर हक-हकूकधारियों की चिंता गहराने लगी है। मंदिर के मुख्य पुजारी प्रयागदत्त भट्ट का कहना है कि रुद्रनाथ मंदिर तक पहुंचने वाले मार्ग के बड़े हिस्से में बर्फ जमी हुई है। जिससे यहां आवाजाही करना कठिन है। वहीं इस वर्ष हुई भारी बर्फवारी के चलते यहां बर्फ धर्मशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। यदि समय से पैदल मार्ग सुचारु नहीं किय जाता तो कपाट को निर्धारित तिथि पर खोलने के लिये दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि मामले में वन विभाग के अधिकारियों से शीघ्र मार्ग सुचारु करने की मांग की गई है।
क्या कहते हैं वन विभाग के अधिकारी
रुद्रनाथ मंदिर के पैदल मार्ग को सुचारु करने के लिये मंदिर के हक-हकूकधारियों की ओर से प्रार्थना पत्र विभाग को दिया गया है। मामले में उच्चाधिकारियों से वार्ता कर मार्ग सुचारु करने के लिये योजना तैयार की जा रही है। जल्द ही मार्ग को सुचारु करने का कार्य शुरु किया जाएगा। जिससे निर्धारित तिथि से पूर्व आवाजाही सुचारु की जा सके।
आरती मैठाणी, वनक्षेत्राधिकारी, केदारनाथ वन प्रभाग, गोपेश्वर।
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