चमोली । पंच केदारों में से चतुर्थ केदार रुद्रनाथ की यात्रा के लिये पर्यटकों को अनुमति लेने के साथ बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों अब पंजीकरण शुल्क भी देना होगा। योजना को मूर्तरुप देने के लिये केदारनाथ वन प्रभाग की ओर से इस वर्ष रुद्रनाथ के यात्रा मार्ग पर पनार, पंचगंगा, सगर और अनसूया देवी में निरीक्षण चैकी बनाने की योजना बनाई गई है। केदरानाथ वन प्रभाग के अधिकारियों की माने तो प्रभाग की ओर से बुग्यालों संरक्षण के लिये यह योजना तैयार की गई है।
बता दें चमोली जिले में केदारनाथ वन प्रभाग के संरक्षित वन क्षेत्र में समुद्रतल से 2290 मीटर की उंचाई पर रुद्रनाथ मंदिर स्थित है। यहां भगवान शिव के स्वयंभू मुख मूर्ति की दर्शन होते हैं। यहां प्रतिवर्ष देश और विदेश के सैकड़ों श्रद्धालु दर्शनों को पहुंचते हैं। ऐसे में सरंक्षित वन क्षेत्र में स्थित यात्रा मार्ग में पड़ने वाले बुग्यालों के संरक्षण का हवाला देते हुए प्रभाग की ओर से पंजीकरण की योजना तैयार की गई है। योजना के अनुसार यात्रा मार्ग पर सगर, अनुसूया, पनार और पंचगंगा में निरीक्षण चैकी बनाई जा रही हैं। वहीं विभाग की ओर राज्य के बाहरी क्षेत्रों से आने वाले पर्यटकों के लिये पंजीकरण शुल्क का भी निर्धारण किया जा रहा है। वहीं बुग्याल क्षेत्र में शराब का परिवहन व सेवन करने को लेकर भी विभाग की ओर कड़ी कार्रवाई का मन बनाया है। यात्रा मार्ग में संचालित दुकानों और घोड़ा-खच्चर संचालन के लिये भी शुल्क निर्धारित करने की बात कही जा रही है।
क्या कहते है अधिकारी
रुद्रनाथ यात्रा मार्ग पर पंजीकरण की सुविधा न होने से जहां क्षेत्र में बड़े स्तर पर अनियंत्रित आवाजाही हो रही है। वहीं बुग्याल की सुरक्षा और पर्यावरण प्रदूषण पर रोक लगाने में दिक्कतें हो रहे हैं। जिसे देखते हुए योजना तैयार की गई है। मार्ग में स्थानीय लोगों की ओर से पूर्व से संचालित दुकानों को सीमित राजस्व के साथ अनुमति प्रदान की जाएगी। साथ पर्यटकों का पंजीकरण व जांच की प्रक्रिया कडाई से लागू की जाएगी।
अमित कंवर, डीएफओ, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर।
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