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नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने पकड़ी LSD ड्रग की सबसे बड़ी खेप, बिगाड़ देता है मानसिक संतुलन

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posted on : जून 7, 2023 1:07 पूर्वाह्न

दिल्ली : नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी (NCB) को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. NCB ने दिल्ली-NCR समेत राजस्थान के जयपुर से एलएसडी की बड़ी खेप पकड़ी है. इस ड्रग्स की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करोड़ों रूपए आंकी जा रही है. बताया जाता है कि अबतक के इतिहास में LSD ड्रग की यह सबसे बड़ी खेप है. एनसीबी के DDG ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि गामागोबलिन और होली स्पिरिट ऑफ असुर के 14,961 ब्लोट्स जब्त किए गए हैं. NCB के दिल्ली जोन ने देशभर में इसके सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है. यह सिंडिकेट एलएसडी ड्रग्स की तस्करी के लिए डार्कनेट, सोशल मीडिया, क्रिप्टोकरेंसी, कुरियर और इंडिया पोस्ट का इस्तेमाल कर रहा था. इस सिंडिकेट से जुड़े 6 लोगों दिल्ली, ग्रेटर नोएडा और जयपुर से गिरफ्तार किया गया है. एक महिला भी शामिल है. NCB की मानें तो इस सिंडिकेट का सबसे बड़ा सप्लायर और मास्टरमाइंड जयपुर का रहने वाला है.

छापेमारी में NCB ने करीब 15 हजार LSD ड्रग ब्लॉस्टस यानी स्टाम्प बरामद किए. इन्हीं पेपर ब्लॉस्टस में LSD तरल प्रदार्थ के रूप में चिपका होता है. इस सिंडिकेट तक एलएसडी के ये ब्लॉस्टस अमेरिका, नीदरलैंड, पोलैंड जैसे देशों से पोस्ट या कुरियर के जरिये पहुंच रहे थे. इस सिंडिकेट से अब तक कुल 14,961 एलएसडी ब्लोट्स और 2.232 किलोग्राम गांजा और 4.65 लाख रुपये जब्त कर ड्रग मनी वाले बैंक खातों को फ्रीज किया गया है. सिंडिकेट सोशल मीडिया के जरिए इसके इस्तेमाल करने वालों से संपर्क करते थे. फिर फर्जी पते पर इसकी डिलिवरी की जाती थी. मोबाइल नंबर तक फेक हुआ करते थे. इसका भुगतान सिर्फ क्रिप्टो करेंसी और उनके रूपांतरण के जरिए किया जाता था. बेचने वाले और खरीदने वालों के बीच किसी तरह का कोई कॉन्टेक्ट नहीं होता था. सभी वर्चुअल फेक आईडी इस्तेमाल करते थे.

ये सबसे बड़ा खतरा 

LSD ड्रग की कॉमर्शियल मात्रा 6 ब्लोट्स है यानी लगभग 0.1 ग्राम, लेकिन पकड़ी गई खेप इससे 2,500 गुना ज्यादा है. LSD इन दिनों भारत में सबसे ज्यादा डिमांड में रहने वाली ड्रग्स है, जिसका सेवन बड़े पैमाने पर युवा वर्ग पार्टियों में करता है. माना जाता है कि इस ड्रग्स को लेने के बाद अलग-अलग साउंड और रंग दिखाई देते हैं. यही वजह है कि युवा इस ड्रग्स का इन दिनों सबसे ज्यादा सेवन कर रहे हैं, लेकिन अगर मात्रा थोड़ी सी भी ज्यादा हुई तो ये जानलेवा साबित हो सकती है.

संतुलन खो देता है

लीसर्जिक एसिड डाईएथिलेमाइड (LSD ड्रग) एक अर्धसंश्लेषित औषधि है, (पूरी तरह से दवा नहीं हैं) जो मनोवैज्ञानिक प्रभाव देती है। इसको खाने से व्यक्ति अपना संतुलन खो देता है और आस-पास के वातावरण से बिलकुल ही अलग हो जाता है। वह सब बातें सोचने लगता है जिसका वास्तविक जीवन से कोई लेना देना नही होता। इसे निगलते भी है और यह जेलाटीन के रूप में भी ली जाती है।

ऐसे करते हैं सेवन

यह ड्रग्स रंगहीन, स्वादहीन एवम गंधहीन र्क्यस्तालीय पदार्थ होता है जो की पानी और अल्कोहल में आराम से घुल जाता है। इसको बैटरी एसिड, डॉट्स, बैरल्स, घोस्ट जैसे नामों से भी जाना हाता है।

ऐसे होता है असर

LSD ड्रग का प्रभाव शारीरिक और मानसिक दोनों रूप में होता है। भूख कम कर देता है। इसका सेवन करने से व्यक्ति उन सब चीजों का एहसास करता है जो वास्तव में कभी घटी भी नही। यह लोगों के मन में डर उत्पन्न करता है और इसके सेवन के बाद व्यक्ति और भी उत्सुक हो जाता है अपने डर के प्रति। लीसर्जिक एसिड डैथ्यलामैड व्यक्ति की मानसिक स्थिति को पूरी तरह से परिवर्तित करने में मदद करते हैं।

दवा के रूप में होता था प्रयोग

LSD ड्रग उपयोग पहले दवाई के रूप में किया जाता था। 35 सालों बाद 2009 में पहली बार इसका प्रयोग दवा के लिए किया गया था। 1 9 50 के दशक के शुरूआत से 1 9 70 के दशक के दौरान, मनोचिकित्सकों, चिकित्सकों और शोधकर्ताओं ने एलएसडी को शराब के इलाज के साथ-साथ कैंसर से पीड़ित मरीजों में चिंता और अवसाद को कम करने के लिए दवाई के रूप में प्रयोग किया गया था। हालांकि, इसको दवा के रूप में मान्यता नहीं मिली और इसे केवल प्रयोग के तौर पर ही आजमाया गया। सफलता नहीं मिलने पर इसे प्रतिबंधिता सूचि में डाल दिया गया।

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सेमन्या कण्वघाटी हिन्दी पाक्षिक समाचार पत्र – www.liveskgnews.com

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