नई दिल्ली : स्टार भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने कनाडा ओपन में मेन्स सिंग्लस इवेंट का खिताब अपने नाम कर लिया। कैलगरी (कनाडा) में खेले गए मुकाबले में लक्ष्य ने चीन के ली शी फेंग को 21-18, 22-20 से हरा दिया। लक्ष्य सेन का यह BWF (विश्व बैडमिंटन महासंघ) सुपर 500 खिताब रहा। 21 साल के लक्ष्य ने 2022 इंडिया ओपन में अपना पहला सुपर 500 खिताब जीता था। जीत के बाद सेन ने कहा कि ओलंपिक क्वालिफिकेशन वर्ष में यह कठिन था, क्योंकि चीजें मेरे अनुरूप नहीं थीं। इसलिए इस जीत से मेरा आत्मविश्वास बहुत बढ़ेगा। मुझे कुछ मैचों में अपना पूरा दमखम लगाना पड़ा। यहां की परिस्थितियां अलग थीं और इसका आदी होना महत्वपूर्ण था। लक्ष्य कनाडा ओपन का खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं। इससे पहले साल 2016 में बी. साई प्रणीत ने यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीता था।
पिछले साल अगस्त में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद लक्ष्य सेन का यह पहला खिताब था। वह इस साल बैडमिंटन के सिंगल्स इवेंट में चैम्पियन बनने वाले देश के दूसरे खिलाड़ी है। इससे पहले मई में एचएस प्रणय ने मलेशिया मास्टर्स में जीत का परचम लहराया था। सेन ने फाइनल मुकाबले में अपने मजबूत जज्बे का परिचय देते हुए दूसरे गेम में चार गेम प्वाइंट बचाकर चैम्पियनशिप प्वाइंट को अपने नाम किया।
शी फेंग को सातवीं बार हराया
लक्ष्य ने दमदार स्मैश लगाकर चैम्पियनशिप अंक हासिल किया और फिर जीत का जश्न मनाते हुए कोर्ट पर लेट गए। सेन ने कहा-यह मेरे लिए एक अद्भुत सप्ताह रहा है। जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ा, मैं बेहतर होता गया, मैं परिस्थितियों का आदी हो गया और सेमीफाइनल और फाइनल में मेरी रणनीति कारगर रही। मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं। इस मुकाबले में दोनों खिलाड़ियों ने नेट की दोनों ओर से तेज गति की कुछ असाधारण रैलियां खेलीं, लेकिन आखिर में चीन के खिलाफ पर सेन भारी पड़े। दोनों खिलाड़ियों के बीच यह 12वां मुकाबला था, जिसमें सेन सात बार सफल रहे।
विरासत में प्रतिभा: दादा, पिता, भाई भी राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी
उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जन्मे लक्ष्य को बैडमिंटन विरासत में मिला है। उनके दादा सीएल सेन को अल्मोड़ा में बैडमिंटन का भीष्म पितामह कहा जाता है। लक्ष्य के पिता डीके सेन नेशनल लेवल पर बैडमिंटन खेल चुके हैं और राष्ट्रीय स्तर के कोच भी हैं। लक्ष्य सेन के भाई चिराग सेन भी इंटरनेशनल लेवल पर बैडमिंटन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। अपने बेटे को बैडमिंटन की अच्छी ट्रेनिंग देने के लिए डीके सेन अल्मोड़ा छोड़ बेंगलुरु में बस गए थे। बेंगलुरु में लक्ष्य सेन ने प्रकाश पादुकोण एकेडमी में दाखिला लिया था, जहां उन्होंने ट्रायल के दौरान अपनी प्रतिभा से प्रकाश पादुकोण को हैरत में डाल दिया था।
सीनियर लेवल पर लक्ष्य सेन को सबसे बड़ी कामयाबी 2021 के वर्ल्ड चैम्पियनशिप में मिली। हुलेवा में आयोजित हुए उस टूर्नामेंट में लक्ष्य ने कांस्य पदक जीता था। भारतीय पुरुष खिलाड़ियों में लक्ष्य के अलावा प्रकाश पादुकोण और किदांबी श्रीकांत ही वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पदक जीतने में सफल रहे हैं। इसके बाद इंडिया ओपन का खिताब अपने नाम किया। बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भी लक्ष्य ने मेन्स सिंग्ल्स में गोल्ड मेडल जीता था।