पीसीएस अधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र ने पेश की अनूठी मिशाल, हरिद्वार में बना डाली 4.5 किमी ऑक्सीजन लेन
हरिद्वार : कोरोना काल में जहाँ ऑक्सीजन को लेकर चारो तरफ हाहाकार मचा हुआ था तो वहीँ जनपद हरिद्वार में वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र ने धर्मनगरी हरिद्वार में 4.5 किमी ऑक्सीजन लेन बनाकर अनूठी मिशाल पेश की है. हरिद्वार में ऑक्सीजन लेवल को लगातार बनाए रखा जाए इसके लिए यह पीपल, बरगद, नीम व आंवला के पौधों का रोपण कर ऑक्सीजन लेन बनायी गयी है. डॉ. ललित नारायण मिश्र प्रदेश के उन अधिकारियों में गिने जाते हैं, जो कुछ नया करने की सोच रखते हैं. इनकी सोच और जज्बे का नतीजे का परिणाम यह है कि धर्मनगरी हरिद्वार में ऑक्सीजन वाली लेन बनकर तैयार हो गयी है. 4.5 किलोमीटर के इस ऑक्सीजन लेन में पीपल, बरगद, नीम एवं आंवला के ऑक्सीजन उत्सर्जन करने वाले पौधे लगाए गये. इसमें महत्वपूर्ण यह है कि यह पथ में उन लोगों को भी जोड़ेगा जो वॉक करने के लिए इस लेन का इस्तेमाल करेंगे. यह राज्य का पहला ऐसा पथ होगा जिसे ऑक्सीजन लेन के नाम से जाना जाएगा.
लाइव एसकेजी न्यूज़ से विशेष चर्चा के दौरान डॉ. ललित नारायण मिश्र ने बताया कि सनातन परंपरा में वृक्षों का विशेष महत्व है. हमारे यहां पीपल वृक्ष को देवता के रूप में पूजा जाता है. यही देवता ऑक्सीजन रूपी प्राणवायु हमें देते हैं. भविष्य में ऑक्सीजन की कमी न हो इसके लिए हम सब को सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन देने वाले पीपल व बरगद के पौधों को हमें अधिक से अधिक रोपित कर उनके बड़े होने तक उनका संरक्षण करना चाहिए. कोई भी कार्य बिना समाज की सहभागिता के संपन्न नहीं हो सकता. इस समय जब कोविड-19 से ऑक्सीजन का संकट पैदा हो गया है तो सोशल मीडिया से लेकर हर जगह पर पेड़ लगाने की बातें भी होने लगी हैं. पेड़ों को धरती पर ऑक्सीजन का बेस्ट और इकलौता सोर्स माना जाता है. इसलिए बहुत जरूरी है कि हम पेड़ों को लगाने के साथ उनके सरंक्षण पर विशेष जोर दें.
पूर्व ADM हरिद्वार डॉ. ललित नारायण मिश्र ने बताया कि ऑक्सीजन लेन में पीपल, बरगद, नीम एवं आंवला के पौधे इसलिए लगाये गये है कि पीपल और बरगद प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन देते है. इसके साथ ही ऑक्सीजन देने से वातावरण शुद्ध रहता है और इम्युनिटी बढती है. नीम के पेड़ एंटीबायोटिक होने के साथ अनेक औषधीय गुणों से भरपूर है. इसके साथ ही आंवला विटामिन सी का प्रमुख स्त्रोत है. आंवले में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है और कोरोना को हराने में विटामिन सी की भी बड़ी भूमिका है.
पुल जटवाडा से सिंह द्वारा तक बनायी गयी ऑक्सीजन लेन नम्बर 1
पूर्व अपर मेलाधिकारी कुम्भ हरिद्वार डॉ. ललित नारायण मिश्र ने बताया कि जटवाडा पुल ज्वालापुर से लेकर सिंह द्वार तक ढाई किलोमीटर की ऑक्सीजन लेन बनायी गयी है. जिसे आमजन एवं 06 एनजीओ के सहयोग से बनाया गया है. ऑक्सीजन लेन में कई सौ पौधे लगाये गये है जिसमें पीपल, बरगद, नीम एवं आंवला के पौधों का रोपण किया गया है. जिनमें ऑक्सीजन की प्रचुर मात्रा के साथ औषधीय गुण भी पाए जाते है. ऑक्सीजन लेन में लगाये गये पौधों का सरंक्षण करने के लिए उनका सुरक्षा कवच भी बनाया गया है.
बैरागी कैम्प में बनायी गयी ऑक्सीजन लेन 2
Senior PCS Officer Dr. Mishr ने बताया कि बैरागी कैम्प में दो किलोमीटर तक ऑक्सीजन लेन बनाई गयी है. आमजन एवं कई संस्थाओं के सहयोग से ऑक्सीजन लेन 2 में भी कई सौ पौधे पीपल, बरगद, नीम एवं आंवला के लगाये गये है. जिससे आमजन को काफी लाभ मिलेगा. क्योंकि इनमें ऑक्सीजन के साथ औषधीय गुण भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते है.
पीपल के पेड़ के बारें में गीता में लिखा है
अश्वत्थः सर्ववृक्षाणां देवर्षीणां च नारदः ।
गन्धर्वाणां चित्ररथः सिद्धानां कपिलो मुनिः ॥ (२६)
भगवान कहते हैं— हे अर्जुन! मैं सभी वृक्षों में पीपल हूँ. पीपल एक बहुत ही सौम्य वृक्ष है. इसके नीचे हरेक पेड़ लग जाता है और यह पहाड़, दीवार, छत आदि कठोर जगह पर भी उत्पन्न हो जाता है. पीपल पेड़ के पूजन की बड़ी महिमा है. आयुर्वेद में बहुत-से रोगों का नाश करने की शक्ति पीपल वृक्ष में बताई गई है. इन सब दृष्टियों से भगवान ने पीपल को अपनी विभूति बताया है. मैं सभी देवर्षियों में नारद हूँ. देवर्षि भी कई हैं और नारद भी कई हैं पर ‘देवर्षि नारद’ एक ही हैं. ये भगवान के मन के अनुसार चलते हैं और भगवान को जैसी लीला करनी होती है, ये पहले ही वैसी भूमिका तैयार कर देते हैं. शायद इसीलिए नारद जी को भगवान का मन कहा जाता है. वाल्मीकि और व्यासजी को उपदेश देकर उनको रामायण और भागवत जैसे धर्म-ग्रन्थों के लेखन-कार्य में प्रवृत्त कराने वाले भी नारद जी ही हैं. नारद जी की बात पर मनुष्य, देवता, असुर, नाग आदि सभी विश्वास करते हैं. सभी इनकी बात मानते हैं और इनसे सलाह लेते हैं. महाभारत आदि ग्रन्थों में इनके अनेक गुणों का वर्णन किया गया है, इसीलिए भगवान नारदजी को अपनी विभूति कहते हैं.
पीपल बिना रुके देता है 24 घंटे ऑक्सीजन
पूर्व सचिव HRDA डॉ. ललित नारायण मिश्र ने बताया कि पीपल ऐसा वृक्ष है जो बिना रुके 24 घंटे ऑक्सीजन देता है. बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए यह वृक्ष बेहद अहम है. जब हम स्वस्थ रहेंगे तो शांति आएगी. शांति नहीं होगी तो ज्ञान के लिए किए जा रहे प्रयास सार्थक नहीं होंगे. पीपल के नीचे ही बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था. हिंदु धर्म में पीपल तो बौद्ध धर्म में इसे बोधी ट्री के नाम से जानते हैं. कहते हैं कि इसी पेड़ के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था. पीपल का पेड़ 60 से 80 फीट तक लंबा हो सकता है. यह पेड़ सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देता है. इसलिए पर्यावरणविद पीपल का पेड़ लगाने के लिए बार-बार कहते हैं.
नीम के पेड़ से होते हैं इतने सारे फायदे
liveskgnews से खास बातचीत में डॉ. ललित नारायण मिश्र ने बताया कि नीम बहुतायात में पाया जाने वाला वृक्ष है. यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है, इसलिए आम जीवन में इसका खूब प्रयोग होता है. एक और पेड़ जिसके बहुत से फायदे हैं, नीम का पेड़. इस पेड़ को एक एवरग्रीन पेड़ कहा जाता है और पर्यावरणविदों की मानें तो यह एक नैचुरल एयर प्यूरीफायर है. ये पेड़ प्रदूषित गैसों जैसे कार्बन डाई ऑक्साइड, सल्फर और नाइट्रोजन को हवा से ग्रहण करके पर्यावरण में ऑक्सीजन को छोड़ता है. इसकी पत्तियों की संरचना ऐसी होती है कि ये बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन उत्पादित कर सकता है. ऐसे में हमेशा ज्यादा से ज्यादा नीम के पेड़ लगाने की सलाह दी जाती है. इससे आसपास की हवा हमेशा शुद्ध रहती है.
बरगद का पेड़ का महत्व
PCS अधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र ने बताया कि इस पेड़ को भारत का राष्ट्रीय वृक्ष भी कहते हैं. इसे हिंदू धर्म में बहुत पवित्र भी माना जाता है. बरगद का पेड़ बहुत लंबा हो सकता है और यह पेड़ भरपूर ऑक्सीजन उत्पादित करता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, वट वृक्ष या बरगद के पेड़ के तने में भगवान विष्णु, जड़ में ब्रह्मा तथा शाखाओं में शिव का वास होता है. वट वृक्ष को त्रिमूर्ति का प्रतीक माना गया है. विशाल एवं दीर्घजीवी होने के कारण वट वृक्ष की पूजा लम्बी आयु की कामना के लिए की जाती है.
आंवले का पेड़ का महत्व
लाइव एसकेजी न्यूज़ को डॉ. मिश्र ने बताया कि आंवला में आयरन और विटामिन सी भरपूर होता है। आंवले का जूस रोजाना पीने से पाचन शक्ति दुरुस्त रहती है। त्वचा में चमक आती है, त्वचा के रोगों में लाभ मिलता है। आंवला खाने से बालों की चमक बढ़ती है। आंवला में प्रचुर मात्रा में विटामिन, मिनरल, और न्यूट्रिएन्ट्स होते हैं, जो आंवला को अनमोल गुणों वाला बनाते हैं. चरक संहिता में आयु बढ़ाने, बुखार कम करने, खांसी ठीक करने और कुष्ठ रोग का नाश करने वाली औषधि के लिए अमला का उल्लेख मिलता है. इसी तरह सुश्रुत संहिता में आंवला के औषधीय गुणों के बारे में बताया गया है. इसे अधोभागहर संशमन औषधि बताया गया है, इसका मतलब है कि आंवला वह औषधि है, जो शरीर के दोष को मल के द्वारा बाहर निकालने में मदद करता है. पाचन संबंधित रोगों और पीलिया के लिए आंवला का उपयोग किया जाता है। इसे कई जगहों पर अमला नाम से भी जाना जाता है.