posted on : मार्च 7, 2022 9:02 अपराह्न
देहरादून : विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए 08 मार्च के दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज हम ऐसी ही एक महिला के बारे में बात कर रहे है जो महिला सशक्तिकरण का अनुपम उदाहरण पेश कर रही हैं निरीक्षक अनिता गैरोला ।अनिता गैरोला वर्ष 2008 में सीधी भर्ती परीक्षा उत्तरीन कर बतौर उप निरीक्षक पद पर उत्तराखण्ड पुलिस में नियुक्त हुई। अपनी नियुक्ति के उपरांत से ही अनिता ने अपने सहज व्यवहार व अपनी अनूठी कार्यदक्षता से सभी को अपनी कार्यशैली का मुरीद बना दिया। इनके द्वारा देहरादून सीटी पैट्रॉल यूनिट में उपनिरीक्षक के पद की पर रहते हुए ट्रैफिक कंट्रोल में अपनी ड्यूटी को पूर्ण निष्ठा व ईमानदारी से किया गया,जिसकी प्रशंसा न सिर्फ आम जनता अपितु कई प्रसिद्ध संगठनों द्वारा भी की गई। इसके पश्चात CPU(सिटी पैट्रोल यूनिट) उधमसिंह नगर इंचार्ज बनकर इनके द्वारा न केवल यातायात व्यवस्था को सुचारू किया गया अपितु कई नए तरीकों को अपनाकर जन जन तक ट्रैफिक नियमों को पहुँचा ,ट्रैफिक नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करवाया।
बतौर CPU प्रभारी ,उधमसिंहनगर जब कोरोना महामारी ने वर्ष 2020 में दस्तक दी तो इनके द्वारा बिना किसी भय के दिन रात ड्यूटी कर कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई। इनके द्वारा कोरोना के सद्गिध कई व्यक्तियों का मेडिकल चेकअप कराया गया व जिला चिकित्सालय में आइसोलेट कराया गया। और ड्यूटी से अतिरिक्त इनके द्वारा लॉकडाउन में कई गरीब व असहाय लोगो की सहायता भी की गई। वर्ष 2020 में उप निरीक्षक से निरीक्षक के पद पर पदोन्नति होने पर इनके द्वारा सबसे नेक परन्तु चुनौतीपूर्ण कार्यक्षेत्र को अपना लक्ष्य बनाया और बतौर निरीक्षक एसडीआरएफ में नियुक्ति पाई। इनके द्वारा एसडीआरएफ में नियुक्ति के दौरान नित दिन साहस से भरे नए अध्याय लिखे। चाहे वह दुर्त्तम रेस्क्यू हो या माउंट गंगोत्री प्रथम का सफलतापूर्वक आरोहण । हर क्षेत्र में अपनी निर्भिकता की अप्रतिम मिसाल पेश की। उनके इसी साहसिक छवि के कारण उनको राज्य स्थापना दिवस पर साहसिक करतब दिखा सभी को मंत्रमुग्ध कर देने वाले “हिमरक्षक डेयर डेविल” मोटोरसाईकल स्क्वाड का प्रभारी बनाया गया और इन्ही के कुशल पर्यवेक्षण में टीम ने ऐसा प्रदर्शन किया की सभी दर्शकगण प्रशंसा करते नही थके व इनकी टीम को डीजीपी उत्तराखण्ड द्वारा 10,000 रूपये के नगद पुरुस्कार से भी सम्मानित किया गया।
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अपने इस सुदृढ़ व्यक्तित्व का श्रेय इनके द्वारा इनके परिवार को माना जाता है , जिसने हर निर्णय हर कदम पर इनका भरपूर साथ दिया। तीन बहनों व एक भाई की लाडली ,परिवार की सबसे छोटी होने पर हमेशा सबके स्नेह का केन्द्र रही। बचपन से ही खेलकूद में विशेष रुचि रही। बास्केट बॉल को बड़े ही लग्न के साथ खेला करती थी । नतीजतन , इनके द्वारा MKP कॉलेज देहरादून से स्पोर्ट्स में कई पदक व ट्रोफी जीती गयी। बाद में इनके द्वारा बतौर कोच MKP कॉलेज में कई युवतियों को भी बास्केटबॉल के हुनर सिखाये गए । महिला सशक्तिकरण का अनुपम उदाहरण पेश करती निरीक्षक अनिता आज सभी महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत का कार्य कर रही है। निश्चित ही इनके द्वारा किये गए कार्य व इनका जीवन युवाओं को दिशा प्रदान करेगा।
आपको बताते चलें कि एसडीआरएफ की पर्वतारोहण टीम को मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड पुष्कर सिंह धामी द्वारा 09 सितम्बर 2021 को फ्लैग ऑफ कर रवाना किया गया था। माउण्ट गंगोत्री-I पर्वतारोहण अभियान पर रवाना इस टीम ने अनेक चुनौतियों को पार कर 29 सितम्बर 2021 को गंगोत्री-I को फतह कर कीर्ति पताका फहराया था। गंगोत्री-I को फतह करने वाली यह उत्तराखण्ड पुलिस की पहली टीम रही। उत्तराखण्ड पुलिस में प्रथम बार पर्वतारोहण, जो अत्यंत जोखिमपूर्ण खेलों में शुमार है, की कमान एक महिला अधिकारी निरीक्षक अनिता गैरोला को दी गयी। उनके द्वारा अपने कुशल नेतृत्व का अनुपम उदाहरण देते हुए माउंट गंगोत्री-I पर्वत शिखर के सफल आरोहण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गयी। उनके इस सराहनीय कार्य एवं प्रतिबद्धता की समस्त उच्चाधिकारियों द्वारा प्रशंसा की गई।