पिथौरागढ़ : लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को भारत-नेपाल के बीच शुरू हुआ विवाद ठंडे बस्ते में जरूर है, लेकिन निपटा नहीं है. नेपाल सरकार ने उत्तराखंड के तीन इलाकों को अपना बताकर संसद में नक्शा भी जारी कर दिया. हालांकि खुद नेपाल सरकार पूरे मामले को लेकर पूरी तरह साफ नहीं है कि ये इलाके उनके हैं भी या नहीं ? इस बीच चीन के दबाव के कारण नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली शर्मा लगातार भारत के खिलाफ बयान दे रहे हैं. नेपाल के लोग नोमैंस लैंड में तारबाड़ कर रहे हैं, जबकि वो पूरी तरह गलत है.
इन सबके बीच नेपाल के नक्शे को लेकर नेपाल में ही हंगामा खड़ा हो गया है. ये हंगामा पिथौरागढ़ के धारचूला के एसडीएम की नेपाल के दारचूला जिले को भेजी एक चिट्ठी के बाद खड़ा हुआ है. नेपाल सरकार ने भले ही इसका जवाब नहीं दिया हो, लेकिन नेपाली मीडिया में इसको लेकर बड़ी-बड़ी खबरें और कवर स्टोरी तक छापी गई हैं…।
धारचूला के एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला ने एक पत्र लिखकर नेपाल के जिला प्रशासन से अपील की थी कि नेपालियों को भारतीय क्षेत्र में अवैध तरीके से घुसने से रोकें. नेपाली मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्र में कहा गया है कि धारचूला जिला प्रशासन को सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि गुंज, कालापानी और लिम्पियाधुरा में नेपाली चोरी-छिपे घुस रहे हैं.
धारचूला से लगे नेपाल के सीमाई जिला के प्रशासन को लिखे पत्र में कहा गया है, कुछ समूह अवैध तरीके से सीमा पार करने की कोशिश कर रहे हैं और मीडिया का ध्यान खींचने के लिए गुंज, कालापानी और लिम्पियाधुरा में घुस रहे हैं. इससे दोनों देशों के प्रशासन को परेशानी हो रही है इसलिए आपसे अनुरोध है कि अगर आपको इस तरह की कोई भी जानकारी मिले तो हमें तुरंत सूचना दें.
नेपाली मीडिया में इसे लेकर हंगामा मच गया है. नेपाल के प्रमुख अखबार नया पत्रिका ने अपने पहले पृष्ठ पर इस पर कवर स्टोरी छापी है. इसका शीर्षक दिया गया है-भारत का आपत्तिजनक पत्र नेपाली कालापानी और लिम्पियाधुरा में चोरी-छिपे घुस रहे. नेपाल के दारचूला जिले के सीडीओ ने इसी अखबार में बयान दिया है कि इसका जवाब विदेश मंत्रालय के स्तर से भारत को दिया जाएगा.
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