पोखरी (चमोली)। देश व प्रदेश में शिक्षा के नाम पर तमाम परिवर्तनों का दावा तो किया जा रहा है पर इसकी जमींनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। 1963 में जूनियर हाईस्कूल के नाम पर बना विद्यालय का प्रशासनिक भवन वर्ष 2005 में इंटर मीडिएट बन जाने के बाद भी 2020 भी गुजरने वाला है लेकिन 57 साल बीत जाने के बाद भी इंटर कालेज को प्रशासनिक भवन नहीं मिला।
वर्ष 1963 में दस गांवों के सहयोग से इस गोदली में जूनियर हाईस्कूल के नाम पर भवन का निर्माण किया गया था। 1979 में इसी भवन पर विद्यालय को उच्चीकृत कर हाईस्कूल खोला गया और इसके बाद 2005 में इसे इंटर मीडिएट बनाया गया लेकिन इस विद्यालय को वर्तमान समय तक एक प्रशासनिक भवन नहीं मिल पाया। वर्ष 1963 में जूनियर हाईस्कूल के नाम पर बने प्रशासनिक भवन पर ही इंटर मीडिएट का प्रशासनिक भवन संचालित हो रहा है। हालात ये है कि जर्जर हुए विद्यालय भवन के कारण बरसात के दिनों में कक्षा कक्षों में पानी भर जाता है। प्रधानाचार्य व स्टाफ रूम जिसमें हाईस्कूल की कक्षाऐं संचालित होती है। उसका हाल भी ये है कि बरसात में यहां भी पानी भर जाता है। जिससे बच्चों की पढाई नहीं हो पाती है। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते अभी तक विद्यालय नहीं खुले है जिससे इस बार बच्चे अपने घरों में ही पठन पाठन करक रहे है लेकिन अन्य दिनों में यहां पर बच्चों का जीवन सुरक्षित नहीं कहा जा सकता है। अभिभावक संघ व क्षेत्र के प्रधानों ने इस संबंध में शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों को कई बार जानकारी दी है लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई अमल में नहीं लायी गई है। नैल के प्रधान संजय रमोला, पाटी जखमाला के प्रधान प्रेम सिंह, गुडम के सज्जन सिंह, नौली के सतेंद्र सिंह का कहना है कि राइका गोदली के प्रशासनिक भवन के लिए कई बार शासन, प्रशासन व सरकार के विधायक से लेकर मंत्री तक को पत्र भेजा जा चुका है लेकिन हालात जस की तस बनी हुई है। इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है।
क्या कहते है अधिकारी
बरसात होने से स्टाफ कक्ष से लेकर हाईस्कूल इंटर के बच्चों की कक्षा तक पानी पानी ही रहता है जिसके कारण पठन-पाठन कार्य सही से नहीं हो पाता है। इस संबंध में कई बाहर विभाग को अवगत भी कराया गया है। 2014 में विद्यालय की ओर से मुख्य भवन निर्माण का प्रस्ताव विभाग को भेजा गया अभी विभाग की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
रूपचंद सैलानी, प्रधानाचार्य, राइका गोदली, चमोली।
गोदली इंटर कालेज के मुख्य भवन के लिए 88 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। लेकिन कोविड-19 के कारण इस बार प्रस्ताव रूका हुआ है, प्रस्ताव पास होते ही विद्यालय की समस्या हल हो जाएगी।
ज्ञानी लाल सैलानी, खंड शिक्षा अधिकारी, पोखरी, चमोली।
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